Puri में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़, 3 की मौत, 10 से अधिक घायल

ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। हादसे में तीन लोगों की मौत और 10 से अधिक लोग घायल हो गए। भीड़ प्रबंधन में लापरवाही के आरोप प्रशासन पर लग रहे हैं।

Puri

Puri stampede: ओडिशा के पुरी में शनिवार सुबह जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा हो गया। भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में दो महिलाएं प्रभाती दास और बसंती साहू तथा एक 70 वर्षीय बुजुर्ग प्रेमकांत मोहंती शामिल हैं। Puri  हादसे के वक्त भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ श्री गुंडिचा मंदिर के पास थे। रथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं, लेकिन भीड़ प्रबंधन में भारी खामी सामने आई है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रशासन पर लापरवाही और असंगठित व्यवस्था के गंभीर आरोप लगाए हैं। हादसे से श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी है।

Puri में रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, मची भगदड़

ओडिशा के Puri में शनिवार तड़के करीब 4:30 बजे जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। हादसे के समय श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर के पास भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ के दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे। भीड़ अचानक इतनी अधिक बढ़ गई कि कुछ लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक घायल हो गए।

मृतकों में दो महिलाएं, एक बुजुर्ग शामिल

मृतकों की पहचान प्रभाती दास, बसंती साहू और 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है। ये तीनों खुर्दा जिले से पुरी में रथ यात्रा में शामिल होने आए थे। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि छह से सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के बाद श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।

प्रबंधन में लापरवाही के आरोप

Puri निवासी स्वाधीन कुमार पंडा ने बताया कि भीड़ प्रबंधन में गंभीर खामियां थीं। वीआईपी के लिए अलग रास्ता बनाया गया था, जबकि आम श्रद्धालुओं को बाहर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। निकास के सीमित रास्तों की वजह से भीड़ बेकाबू हो गई। इसके अलावा यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह नाकाम रही और कई अनधिकृत वाहन मंदिर के पास तक पहुंच गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

पहले भी हो चुके हादसे, प्रशासन पर उठे सवाल

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि Puri रथ यात्रा के पहले दो दिनों में भी छोटे-मोटे भगदड़ के मामले सामने आए थे, जिन्हें प्रशासन ने छिपा लिया। सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट्स भी सामने आई हैं, जिनमें 27 और 28 जून को सैकड़ों श्रद्धालुओं के घायल होने की बात कही जा रही है। हालांकि, इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

श्रद्धालुओं का दुख और आस्था

इस हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं में भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था देखी जा रही है। दुबई से आए उमेश ने कहा कि वे 2022 से हर साल रथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं और इसे भगवान का विशेष आशीर्वाद मानते हैं। श्रद्धालु प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए बेहतर प्रबंधन और सख्त इंतजाम किए जाएं।

पुरी की इस दुखद घटना ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। श्रद्धालुओं की जान की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी हो गया है।

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