नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। जापान में सुनामी जमकर कहर बनकर टूटी। समंदर में खतरनाक लहरों से हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिका के कैलिफोर्निया और हवाई में भी सुनामी ने कहर मचाया हुआ है। इसके अलावा 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से रूस भी दहल चुका है। प्रकृति के इस प्रहार से दर्जनभर से ज्यादा देश प्रभावित हुए हैं और खतरा अभी टला नहीं है। जलजले से लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर सेना और वहां की सरकारें जमीन पर उतर कर राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। ये संयोग ही है कि इन प्राकृतिक आपदाओं के बारे में एक भविष्यवक्ता ने काफी पहले भविष्यवाणी कर दी थी। इसी सुनामी को लेकर बाबा वेंगा ने भी लोगों को कई बरस पहले अगाह किया था।
जापान की भविष्यवक्ता ’बाबा वेंगा’ ने जुलाई में सुनामी आने की चेतावनी दी थी। जिसके चलते लोग जुलाई के लिए अपनी यात्राएं रद्द करने लगे थे। तब जापान के अधिकारियों ने सुनामी आने को लेकर की गई भविष्यवाणी को नजरअंदाज करने की अपील की थी। जापान की ’बाबा वेंगा’ कही जाने वाली मंगा आर्टिस्ट रियो तात्सुकी ने 5 जुलाई या इसके आसपास जापान में एक बड़ी सुनामी के आने की चेतावनी दी थी। इनकी तुलना बुल्गेरियाई भविष्यवक्ता बाबा वेंगा से की जाती है, जो कई आपदाओं और वैश्विक घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी के लिए जानी जाती हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, बाबा वेंगा की तरह ही जापान की रियो तात्सुकी ने भी जापान में होने वाली आपदाओं को लेकर पूर्व में सटीक भविष्यवाणियां की हैं।
रियो तात्सुकी एक मंगा आर्टिस्ट हैं। मंगा एक तरह का ग्राफिक नॉवेल होता है। तात्सुकी इसी कॉमिक्स के जरिए भविष्यवाणी करती हैं। 999 में इनकी एक ग्राफिक नॉवेल आई थी, जिसका नाम ’द फ्यूचर आई सॉ’ था। इसमें उन्होंने 2011 में जापान में एक महाआपदा आने का संकेत दिया था। ये भविष्यवाणी एकदम सटीक थी। 2011 में एक भयानक सुनामी आई थी और इस दौरान फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर क्षतिग्रस्त हो गया था। इस आपदा में 18 हजार लोग मारे गए थे। 2021 में तात्सुकी की ’द फ्यूचर आई सॉ’ का नया संस्करण आया था। इसमें उन्होंने जुलाई 2025 में फिर से जापान में एक सुनामी आने की भविष्यवाणी की थी। इसी भविष्यवाणी को लेकर इस साल लोग जापान जाने की अपनी छुट्टियां रद्द करे लगे थे। अब 30 जुलाई को जापान में 16 जगहों पर सुनामी की लहरें उठ रही हैं। वहां हर तरफ इमरजेंसी सायरन बज रहे हैं और एक बार फिर से ये भविष्यवक्ता चर्चा में है।
तुर्किए, थाईलैंड और म्यांमार के बाद एक और विनाशकारी भूकंप ने धरती हिला दी है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 30 जुलाई, 2025 को विनाशकारी भूकंप ने दस्तक दी। इस भूकंप की तीव्रता इस साल और उससे पहले हाल के सालों में आए भूकंप में सबसे ज्यादा दर्ज की गई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.8 मापी गई है। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद समुद्र में सुनामी की लहरें उठ रही हैं, जो तबाही मचा रही हैं। इस भूकंप को हिरोशिमा जैसे 14,300 परमाणु बमों के एक साथ फटने की ऊर्जा के बराबर बताया जा रहा है। 4,5,6,7,8 की अलग-अलग तीव्रता के भूकंप अक्सर दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में महसूस किए जाते हैं और जब भी कोई भूकंप आता है तो सबसे पहले उसकी तीव्रता ही देखी जाती है। तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड स्केल है, जो एक लॉगरिदमिक स्केल है। हर एक अंक की बढ़ोतरी से भूकंप की ऊर्जा में 31.6 गुना की बढ़ोतरी का अंतर आता है। यानी तीव्रता का हर एक अंक बढ़ने के साथ ऊर्जा भी बढ़ती जाती है।
उदाहरण के लिए 6 तीव्रता का भूकंप 5 तीव्रता वाले भूकंप से 31.6 गुना ज्यादा ताकतवर होगा। इसी तरह 8.8 तीव्रता का भूकंप 7.8 तीव्रता के भूकंप से 31.6 गुना ज्यादा और 6.8 तीव्रता के भूकंप से करीब 1000 गुना ज्यादा शक्तिशाली होगा। रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया है, जिसे ग्रेट अर्थक्वेक श्रेणी की तीव्रता का भूकंप माना जाता है। इससे इतनी ऊर्जा निकलती है कि वो सड़कों, इमारतों और यहां तक की पूरे के पूरे शहर तक को तबाह कर सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 8.8 तीव्रता के भूकंप से 9 . 10‘17 जूल्स ऊर्जा निकलती है। जूल्स भूकंप की ऊर्जा को मापने की इकाई है। इस ऊर्जा की पावर का पता करने के लिए इसकी तुलना परमाणु बम के फटने से उत्पन्न ऊर्जा से करते हैं। साल 1945 में जापान के हिरोशिमा में जो परमाणु बम गिराया गया था, वो 15 किलोटन टीएनटी के बराबर था। यानी उसने 6.3 -10‘13 ऊर्जा छोड़ी। एक किलो टन टीएनटी 4.184 -10‘12 जूल्स के बराबर होता है।
रिसर्चगेट की स्टडी ’कंपेरिजन बिटविन द सीस्मिक एनर्जी रिलीज्ड ड्यूरिंग अर्थक्वेक विद टंस ऑफ टंस टीएनटी’ के अनुसार 8.8 तीव्रता का भूकंप 6.27 मिलियन टन टीएनटी के बराबर होता है, जो करीब 10,000-14,000 हिरोशिमा बमों की रेंज में आता है। 8.8 तीव्रता के भूकंप को 9000 परमाणु बमों के बराबर जो बताया गया है, उसकी गणना में भूकंप की गहराई और फॉल्ट की प्रकृति की वजह से अंतर हो सकता है। हालांकि, रिसर्चगेट की रिपोर्ट के अनुसार इस अनुमान को भी सही माना जा सकता है। जानकार बताते हैं कि रूस में सदी का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप आया है। रूस सरकार बड़े पैमाने पर राहत बचाव कार्य में जुटी है। वहीं सोशल मीडिया पर बाबा वेंगा भी ट्रेंड कर रही हैं। लोग लिख रहे हैं कि बाबा की भविष्यवाणी सच साबित हुई। बाबा ने जो कहा, वह दुनिया ने देखा। ऐसे में अब भारत को भी सचेत होना होगा। प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने वालों पर रोक लगानी होगी।