कर्नाटक में मरीजों की जेब पर गिरी गाज, OPD से लेकर ब्लड टेस्ट तक देने पड़ेंगे दोगुने पैसे

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव का कहना है कि हम शुल्क को संशोधित कर रहे हैं, जो बहुत पहले तय किया गया था। कुछ क्षेत्रों में हमने इसमें 10 फीसदी या 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है।

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Karantaka News : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर बताया कि चिकित्सा सेवाओं के शुल्क में संशोधन किया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

अब, बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) के तहत आने वाले सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में विभिन्न मेडिकल सेवाओं के शुल्क में वृद्धि की है, और यह दरें बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में लागू हो चुकी हैं।

अस्पतालों में शुल्क की बढ़ाई गई दरें:

  • ओपीडी रजिस्ट्रेशन शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है।
  • इनपेशेंट एडमिशन चार्ज 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है।
  • ब्लड टेस्ट शुल्क 70 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये कर दिया गया है।
  • वॉर्ड चार्जेज 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिए गए हैं।
  • हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इस वृद्धि के बारे में बताया कि ये शुल्क पहले तय किए गए थे, और अब उनमें 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा, “पुरानी दरों और आज की महंगाई की तुलना नहीं की जा सकती। ये बदलाव लोगों पर भारी नहीं पड़ेंगे, क्योंकि यह अभी भी किफायती हैं।” राव ने यह भी कहा कि कुछ लोग इसे कांग्रेस की गांरटी योजनाओं से जोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले समय में भी कई सरकारों ने पानी, बिजली और अन्य सेवाओं के शुल्क में संशोधन किया था।

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वहीं, भाजपा ने राज्य सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की गांरटी योजनाओं के लिए राज्य का खजाना खाली किया जा रहा है, और इसका बोझ आम जनता पर डाला जा रहा है।

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