’10 लाशें हमने खुद निकाली, लोग अब भी दबे हैं…’ किश्तवाड़ त्रासदी की दर्दनाक दास्तां

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में 46 लोगों की मौत हो चुकी है, 69 लापता हैं. मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है, चश्मदीदों ने दर्दनाक मंजर बयां किया.

Kishtwar

Kishtwar cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार दोपहर बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने पूरे इलाके को मौत के मंजर में बदल दिया. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 69 लोग अब भी लापता हैं. तेज पानी, मलबा और मिट्टी ने 16 मकान, सरकारी इमारतें, मंदिर, पुल और बाजार को अपने साथ बहा दिया. चश्मदीदों के मुताबिक, सैकड़ों लोग अचानक आए पानी की रफ्तार में बह गए. कई लोग अब भी मलबों के नीचे दबे हुए हैं. एक चश्मदीद ने बताया कि उन्होंने खुद 10 लाशें मलबे से निकालीं. गांव के लोग अपनों और सपनों को मलबे में ढूंढ रहे हैं, आंखों में आंसू और दिल में डर अब भी कायम है.

गुरुवार दोपहर करीब 12:25 बजे Kishtwar में बादल फटने के साथ आई तबाही ने कई परिवारों को उजाड़ दिया. इस हादसे में दो CISF जवानों की भी मौत हो गई. लापता लोगों के परिजन हर आवाज़ पर उम्मीद से दौड़ पड़ते हैं, लेकिन लौटते वक्त निराशा ही हाथ लगती है.

एक महिला ने बताया, “मैं घर पर थी, अचानक तेज आवाज आई और लोग चिल्लाने लगे – भागो! जो भाग गए वो बच गए. मेरी जेठानी ने मुझे किचन से बाहर निकाला, उसे गंभीर चोटें आई हैं. पुराना घर बच गया, लेकिन नया मकान नाले के साथ बह गया.”

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अनु नाम की बच्ची की मां ने कहा, “हम खाना खा रहे थे, तभी हड़कंप मच गया. नाले की तरफ पानी और मलबा तेजी से आया. मेरा बेटा कूड़े में फंस गया, उसे निकालने में आधा घंटा लग गया. बादल फटते समय वहां सैकड़ों लोग थे, दुकानें थीं, लेकिन सब मलबे में तब्दील हो गया.”

पुंछ से आए मिस्त्री सलाहुल हसन ने भयावह दृश्य बताते हुए कहा, “हम ब्रिज पर काम कर रहे थे, तभी तेज धमाका हुआ और मिट्टी, पेड़, मलबा सब गांव की तरफ बहने लगा. मंदिर के पास लंगर था, वहां भीड़ थी. टूटे मकान के नीचे से हमने 10 डेड बॉडी निकालीं, कई लोग अब भी दबे हैं. नाले के पास खड़े 100-150 लोग सब बह गए.”

आपदा में 16 मकान, सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पानी की चक्कियां और 30 मीटर लंबा पुल बह गया. दर्जनभर वाहन मलबे में दब गए. बाढ़ ने अस्थायी बाजार, लंगर स्थल और सुरक्षा चौकी को भी नष्ट कर दिया.

अब तक रेस्क्यू टीम 167 घायलों को सुरक्षित निकाल चुकी है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो इस Kishtwar त्रासदी की भयावहता बयां कर रहे हैं—जहां कभी गांव बसा था, वहां अब सिर्फ मलबा और सन्नाटा है.

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