Indo-Nepal Border : भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन आरोपियों के पास से प्रतिबंधित फ्रीक्वेंसी पर कार्यरत पांच वॉकी-टॉकी सेट बरामद किए गए हैं। सभी आरोपी महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और मामले की गहन जांच जारी है।
यह घटना बहराइच जिले के रुपईडीहा बॉर्डर की है, जहां इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 42वीं वाहिनी के जवान रविवार को नियमित जांच कर रहे थे। एसएसबी के सहायक उप निरीक्षक योगेश कुमार अपनी टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे, तभी नेपाल से भारत की ओर आती एक महाराष्ट्र नंबर की टोयोटा क्वालिस संदिग्ध नजर आई।
चेकिंग में मिले प्रतिबंधित वॉकी-टॉकी
गाड़ी की जांच करने पर उसमें बैठे सात लोगों के पास से पांच वॉकी-टॉकी हैंडसेट बरामद हुए, जिनकी फ्रीक्वेंसी प्रतिबंधित पाई गई। ये सभी वॉकी-टॉकी चालू हालत में थे और किसी के पास इसके संचालन के वैध दस्तावेज नहीं थे।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई है:
महाराष्ट्र निवासी
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बिलाल अब्दुल रहमान शेख
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मुनीर युसूफ शेख
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मोहम्मद मुस्लिम पुत्र राशिद खान
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तेमेश्वर भोंदवे
उत्तर प्रदेश निवासी
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अचलेश कुमार
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शंकर पांडे (कुशीनगर)
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छांगुर पुत्र अहमद (रसूलपुर दरहत सराय जगना)
नेपाल इस्लामिक संगठन से जुड़ाव का शक
पूछताछ में मोहम्मद मुस्लिम ने बताया कि वह पुणे में कैटरिंग का ठेकेदार है और नेपालगंज में अपने दोस्त नसीम शेख से मिलने गया था। एसएसबी की रिपोर्ट के अनुसार, नसीम शेख नेपाल में सक्रिय एक इस्लामिक संगठन से जुड़ा हुआ है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां संदिग्ध मान रही हैं।
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क्षेत्राधिकारी नानपारा प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि एसएसबी की ओर से सहायक उप निरीक्षक योगेश कुमार की तहरीर पर सभी सातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। वॉकी-टॉकी सेट की फ्रीक्वेंसी की जांच की गई, जो प्रतिबंधित श्रेणी में पाई गई। सुरक्षा से जुड़ी इतनी अहम डिवाइस के बिना दस्तावेज बरामद न होना गंभीर मामला माना जा रहा है।
भारत-पाक युद्ध के बाद बॉर्डर पर हाई अलर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और युद्ध जैसे हालात के चलते भारत-नेपाल सीमा पर पहले से ही हाई अलर्ट घोषित किया गया है। चूंकि यह एक खुली सीमा है, यहां से आवागमन अपेक्षाकृत आसान होता है, जिसे असामाजिक तत्व अक्सर दुरुपयोग करते हैं।
घटना के बाद से एसएसबी, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है। संदिग्धों के मोबाइल, कॉल डिटेल्स, और नेपाल कनेक्शन की गहराई से जांच की जा रही है।