Modi replay Trump: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिका के दबाव के बीच एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% आयात शुल्क लगाने की धमकी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे पता है कि हमें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं। भारत तैयार है।” Modi के इस बयान को भारत की आत्मनिर्भर आर्थिक नीति की दिशा में एक निर्णायक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
🚨 BIG! On Trump’s 50% tariff on India, PM Modi says: "For us, the interest of our farmers is TOP priority. India will NEVER compromise on the interests of farmers, fishermen & dairy farmers."
"I know we'll have to pay a HEAVY price — but I am READY for it. India is ready." 🇮🇳 pic.twitter.com/1suAPhP8lN
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) August 7, 2025
ट्रंप की धमकी पर भारत का तीखा जवाब
प्रधानमंत्री Modi का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत को “सबसे बड़ी व्यापारिक चोरी” का दोषी ठहराते हुए 50% आयात शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इसके जवाब में मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हित सर्वोपरि हैं। अगर इसके लिए हमें कुछ खोना भी पड़े, तो हम तैयार हैं।”
मोदी के इस बयान से साफ हो गया कि भारत अब किसी भी वैश्विक दबाव के सामने झुकने वाला नहीं है। उनकी सरकार “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” जैसे अभियानों के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रही है, और विदेशी दबाव के बावजूद अपने हितों की रक्षा को प्राथमिकता दे रही है।
रूस से तेल आयात जारी रखने का संकेत
अपने भाषण में प्रधानमंत्री Modiने यह भी स्पष्ट संकेत दिए कि भारत रूस से तेल आयात करना जारी रखेगा, भले ही अमेरिका इसे पसंद न करे। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा किसी और के फैसलों पर निर्भर नहीं हो सकती। यह बयान अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत पर दबाव डालने की कोशिशों के बीच आया है।
यह स्पष्ट है कि भारत अपने रणनीतिक हितों और घरेलू जरूरतों के अनुसार ही अंतरराष्ट्रीय निर्णय लेगा, चाहे वह किसी भी देश को रास आए या नहीं।
राजनीतिक हलकों में गर्म बहस
मोदी के इस बयान के बाद देश की राजनीति में गर्म बहस छिड़ गई है। सरकार समर्थकों का कहना है कि यह बयान भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। वहीं विपक्षी दलों ने इस बयान को सरकार की विदेश नीति की विफलता करार दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “अगर ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ लगाते हैं, तो इसका खामियाजा आम आदमी को महंगाई और बेरोजगारी के रूप में भुगतना पड़ेगा।” इसके जवाब में सरकार ने कहा कि किसानों और देश के दीर्घकालिक हितों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
बाजारों की नजर, निवेशकों की चिंता
अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। शेयर बाजार और निवेशक समुदाय इन घटनाओं पर कड़ी नजर रख रहे हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका आयात शुल्क लागू करता है, तो भारत की कुछ निर्यात आधारित कंपनियों को नुकसान हो सकता है, लेकिन इसके समानांतर भारत अपनी घरेलू क्षमताओं को बढ़ाकर इस नुकसान की भरपाई कर सकता है।
मोदी सरकार की स्पष्ट नीति यह है कि आत्मनिर्भर भारत की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना पूरी ताकत से किया जाएगा। अमेरिका हो या कोई और देश—भारत अब अपने शर्तों पर ही व्यापार करेगा।
प्रधानमंत्री Modi का यह बयान केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं बल्कि भारत की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति का हिस्सा है। यह दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपने हितों के लिए खड़ा होने को तैयार है, चाहे इसके लिए कितनी भी कीमत चुकानी पड़े।