New Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 (New Income Tax Bill 2025) पेश किया। इससे पहले 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी। यह नया कानून लगभग 60 साल पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और कर प्रणाली को अधिक सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखता है।
इनकम टैक्स बिल में होंगे ये बदलाव
1. नए टैक्स ईयर की अवधारणा (New Tax Year Concept)
- “Tax Year” को नए तरीके से परिभाषित किया गया है जिससे इसे वैश्विक कर प्रणाली के अनुरूप बनाया जा सके।
2. इनकम टैक्स स्लैब में संशोधन (Changes in Income Tax Slabs)
- व्यक्तिगत और व्यावसायिक करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया गया है।
- New Tax Regime लागू किया गया है जो व्यक्तिगत करदाताओं, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य पर लागू होगा।
3. कटौती और छूट में बदलाव (Revised Deductions & Exemptions)
- स्वास्थ्य बीमा, गृह ऋण, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और शिक्षा ऋण पर नई कटौती उपलब्ध होगी।
- स्टार्टअप्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) में निवेश करने वाली कंपनियों को अतिरिक्त कर लाभ दिया जाएगा।
4. व्यवसाय कराधान और कॉर्पोरेट नियम (Business Taxation & Corporate Provisions)
- बुनियादी ढांचे, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs), विनिर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मिलेगी छूट।
- छोटे व्यवसायों, पेशेवरों और फ्रीलांसर्स के लिए नई पूर्वानुमानित कर योजना लागू की गई है।
5. पूंजीगत लाभ कर सुधार (Capital Gains Tax Reforms)
- शेयर बाजार, अचल संपत्ति और क्रिप्टोकरेंसी पर पूंजीगत लाभ कर की नई गणना प्रणाली लागू की गई है।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) के लिए इंडेक्सेशन लाभ (Indexation Benefit) में संशोधन किया गया है।
6. डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के नए नियम (Digital & Crypto Transactions)
- क्रिप्टो संपत्तियों (Bitcoin, Ethereum आदि) पर नए कर प्रावधान लागू किए गए हैं।
- क्रिप्टो एक्सचेंज और व्यक्तियों के लिए रिपोर्टिंग को अनिवार्य किया गया है।
- डिजिटल संपत्तियों के गैर-प्रकटीकरण पर सख्त दंड लागू किया गया है।
7. राजनीतिक चंदा और चुनावी ट्रस्टों पर कर नियम (Political Donations & Electoral Trusts)
- राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों को कर छूट देने के नए प्रावधान शामिल किए गए हैं।
- राजनीतिक चंदों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई कर नीतियों को लागू किया गया है।
8. कर चोरी और कर बचाव नीतियों पर सख्त प्रावधान (Strengthened Anti-Tax Avoidance Measures)
- सामान्य कर बचाव नियम (GAAR) को और सख्त किया गया है।
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की कर चोरी रोकने के लिए ट्रांसफर प्राइसिंग (Transfer Pricing) पर नए नियम लागू किए गए हैं।
- विदेशी निवेश और शेल कंपनियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
9. कर दाखिल करने और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना (Simplified Tax Filing & Compliance)
- फेसलेस असेसमेंट सिस्टम (Faceless Assessment System) को और अधिक विस्तारित किया गया है।
- ई-सत्यापन (E-Verification) और AI-आधारित ऑडिट (AI-Powered Audit) को लागू किया गया है।
- एकीकृत डिजिटल करदाता पोर्टल (One-Stop Digital Taxpayer Portal) शुरू किया गया है।
10. जुर्माना, दंड और अभियोजन (Penalties, Fines & Prosecutions)
- कर चोरी, गलत रिपोर्टिंग और फर्जी दावों पर सख्त दंड लागू किया गया है।
- लगातार कर चोरी करने वालों के लिए विशेष प्रावधान और त्वरित न्याय प्रक्रिया अपनाई गई है।
क्यों पेश किया गया नया इनकम टैक्स बिल?
इनकम टैक्स अधिनियम (New Income Tax Bill 2025) कई दशकों पुराना होने के कारण तकनीकी रूप से जटिल और व्यावहारिक रूप से बोझिल हो चुका था। इसमें समय-समय पर संशोधन किए गए लेकिन यह आज की डिजिटल और आधुनिक अर्थव्यवस्था के अनुरूप पूरी तरह फिट नहीं बैठता था। इसलिए सरकार ने टैक्स प्रणाली को आसान बनाने, करदाताओं को राहत देने और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया है।
नए टैक्स स्लैब क्या हुआ बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नए इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की जिससे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। नए टैक्स स्लैब के अनुसार 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा जबकि 4 से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5%, 8 से 12 लाख रुपये तक 10%, 12 से 16 लाख रुपये तक 15%, 16 से 20 लाख रुपये तक 20%, 20 से 24 लाख रुपये तक 25% और 24 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स लगेगा। पहले कर-मुक्त आय सीमा 7 लाख रुपये थी जिसे बढ़ाकर अब 12 लाख रुपये कर दिया गया है। इस संशोधन से विशेष रूप से मध्यम वर्ग को लाभ मिलेगा क्योंकि उनकी कर योग्य आय पर पहले की तुलना में कम टैक्स लगेगा।
लोकसभा में पेश हुआ JPC की रिपोर्ट
वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट राज्यसभा के बाद अब लोकसभा में भी पेश कर दी गई। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर लिया। हंगामे के बीच ही समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की। विपक्ष के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी को इस रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं है और यदि विपक्ष को कोई आपत्ति है तो वह इसे दर्ज करा सकता है।
संसद विपक्ष का वॉक आउट
जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में प्रस्तुत की गई यह रिपोर्ट लगातार छह महीनों की बैठकों के बाद तैयार की गई है। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और विरोधस्वरूप सदन से वॉकआउट कर लिया। इस पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष अब वॉकआउट कर रहा है क्योंकि वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होना चाहता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्यवाही के दौरान कुछ सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन किया।