Nimisha Priya’s case update: केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं और एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही हैं। पिछले कई महीनों से भारत सरकार और सामाजिक संगठनों की ओर से उनकी फांसी रुकवाने और माफी दिलाने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन अब इन कोशिशों को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब मृतक के परिवार ने 8.5 करोड़ रुपये का मुआवजा लेने से मना कर दिया।
परिवार ने कहा, हम सिर्फ ‘क़िसास’ चाहते हैं
तलाल महदी के भाई अब्दुल फतह महदी ने साफ कहा कि उनका परिवार ना तो माफ करेगा और ना ही कोई मुआवजा लेगा। उन्होंने कहा, “हम ‘क़िसास’ यानी बदले में मौत चाहते हैं। न्याय होकर रहेगा, चाहे देर से ही क्यों ना हो।” ‘क़िसास’ एक इस्लामिक कानून है जिसके तहत किसी की हत्या के बदले हत्यारे को भी मौत की सजा दी जा सकती है, अगर मृतक का परिवार माफी नहीं देता।
भारत सरकार के प्रयासों से टली फांसी
निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख पहले 16 जुलाई 2025 तय की गई थी, लेकिन भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद इसे फिलहाल टाल दिया गया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि वह लगातार यमन सरकार से बात कर रही है। साथ ही, याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एक प्रतिनिधिमंडल यमन भेजा जाए जो पीड़ित परिवार से सीधे बातचीत कर सके।
सामाजिक कार्यकर्ता बोले,अभी उम्मीद बाकी है
निमिषा की रिहाई के लिए पिछले 5 सालों से प्रयासरत सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने कहा, “यमन सरकार की ओर से अब तक रुख काफी सहानुभूतिपूर्ण रहा है। लेकिन हमें मृतक के परिवार की भावनाओं को भी समझना होगा। हमें उनके साथ सम्मानजनक बातचीत करके समाधान निकालना होगा।”
निमिषा प्रिया की रिहाई की राह अभी भी मुश्किलों से भरी है। यमन के कानून और मृतक परिवार की जिद इस मामले को और पेचीदा बना रही है। हालांकि भारत सरकार ने फांसी रुकवाकर थोड़ी राहत जरूर दिलाई है, लेकिन माफी के बिना रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा। उम्मीद है कि कूटनीतिक कोशिशें जल्द कोई रास्ता निकालेंगी।