NSA डोभाल की प्लानिंग से दहला पाकिस्तान.. किसने दिया ‘Operation Sindoor’ का नाम, जानें ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी

जब भारत सो रहा था तब पाकिस्तान में अफरातफरी मची हुई थी। आधी रात के अंधेरे में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक कर 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया।

Operation Sindoor

Operation Sindoor: जब भारत सो रहा था तब पाकिस्तान में अफरातफरी मची हुई थी। आधी रात के अंधेरे में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस साहसी कार्रवाई में 70 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की पुष्टि सूत्रों द्वारा की गई है। इस सैन्य कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया—जो न सिर्फ एक रणनीतिक मिशन था बल्कि एक भावनात्मक संदेश भी था पहलगाम हमले में उजड़े सुहागों के प्रति श्रद्धांजलि।

हमले की पटकथा किसने लिखी?

इस पूरे ऑपरेशन की योजना और संचालन की कमान संभाली देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रणनीतिक हनुमान भी कहा जाता है। सूत्रों के मुताबिक डोभाल लाहौर से लगभग 409 किलोमीटर दूर एक विशेष लोकेशन से ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे। उन्हीं की अगुआई में एक स्पेशल ऑप्स टीम ने आतंकियों की लंका आधी रात में जला दी।

पीएम मोदी ने दी थी हर कदम पर मंजूरी

ऑपरेशन सिंदूर की पटकथा तैयार करने के बाद इसकी मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ली गई। पीएम मोदी को हर मिनट की जानकारी दी जा रही थी और वे पूरी रात जागते रहे। जब मिसाइलें आतंकियों के ठिकानों पर बरस रही थीं तब पीएम मोदी और अजीत डोभाल दोनों ऑपरेशन के नियंत्रण कक्ष में सक्रिय थे।

पूरी तरह से खुफिया जानकारी पर आधारित था ऑपरेशन

यह ऑपरेशन (Operation Sindoor) पूरी तरह से खुफिया सूचनाओं पर आधारित था। नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (NTRO) ने आतंकी ठिकानों की सटीक पहचान की। टारगेट की पुष्टि के बाद तय किया गया कि केवल आतंकियों के शिविरों को ही निशाना बनाया जाएगा और कोई नागरिक हानि नहीं की जाएगी।

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कंट्रोल रूम से चला ऑपरेशन

एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया, जहां से एनएसए अजीत डोभाल और उनकी कोर टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसमें सिर्फ चुनिंदा अधिकारी ही शामिल थे। यह कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि देश की शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को छोड़कर किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।

ऑपरेशन सिंदूर नाम किसने दिया?

इस सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। यह नाम 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की विधवा पत्नी हिमांशी नरवाल के सिंदूर से प्रेरित है। हमले में कई सुहाग उजड़ गए थे और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम उन पीड़ितों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया।

आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संदेश

इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत अब आतंकवाद पर ‘नीति’ नहीं, निर्णायक कार्रवाई में विश्वास करता है। मस्जिदों से “भागो-भागो हमला हो गया” की आवाजें, आतंकियों की हताश भागदौड़ और पाकिस्तान में मची अफरा-तफरी, इस सबने भारत की सैन्य ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति का स्पष्ट संदेश दिया है। भारत ने बता दिया है अब हमला करने वालों को चुपचाप सहा नहीं जाएगा बल्कि मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, एक चेतावनी है।

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