Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात मातृभूमि की सुरक्षा की हो, तो चुप्पी कोई विकल्प नहीं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के मात्र पंद्रह दिन बाद, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके समेत नौ आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस साहसी सैन्य कार्रवाई को ‘Operation Sindoor’ का नाम दिया गया — एक ऐसा मिशन जो भारत की सामरिक दृढ़ता और आतंकवाद के प्रति उसकी ज़ीरो टॉलरेंस नीति का जीवंत प्रतीक बन गया है।
पहलगाम की चिंगारी, सिंदूर का प्रहार
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में दर्जनों निर्दोष पर्यटक और सुरक्षाकर्मी मारे गए। जांच में साफ हुआ कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन थे। इसके बाद भारत ने न केवल सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डाला, बल्कि अटारी बॉर्डर सील कर दिया और पाक विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया। मगर निर्णायक कार्रवाई तब हुई जब भारत ने ‘स्टैंडऑफ’ मिसाइलों से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सीधा हमला कर दिया।
मुरीदके: आतंक की जड़ पर सीधा वार
मुरीदके, लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात गढ़, जो 26/11 जैसे नरसंहारों से जुड़ा रहा है, इस बार भारतीय मिसाइलों का प्रमुख निशाना बना। गुप्तचर एजेंसियों को इनपुट मिला था कि यहीं से पहलगाम हमले की साजिश रची गई थी। बहावलपुर स्थित जैश मुख्यालय भी इस स्ट्राइक में शामिल था। हमला इतना सटीक था कि आतंकियों की नींव हिल गई और इलाके में अफरा-तफरी फैल गई।
पाकिस्तान की बौखलाहट और दुनिया की नजर
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला बताते हुए “अघोषित युद्ध” करार दिया है, लेकिन भारत ने साफ किया है — यह हमला आतंकवाद के खिलाफ था, किसी राष्ट्र के खिलाफ नहीं। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के रुख को सही बताया, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने संयम की अपील की।
भारत का संदेश: यह नया भारत है
‘Operation Sindoor’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की पुकार है। यह उस भारत की गूंज है, जो अब सिर्फ सहता नहीं, जवाब देता है। यह नया भारत है — निर्णायक, आत्मनिर्भर और अडिग।