Operation Sindoor : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आम जनता का भरोसा भारतीय सेना और सरकार पर और भी मजबूत हुआ है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सशक्त नेता के तौर पर उभरे हैं बल्कि उन्होंने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को लिस्ट में काफी पीछे छोड़ दिया है। इस बात की पुष्टि आईएएनएस मैटराइज के हालिया सर्वे में की गई है।
‘नरेंद्र मोदी’ बने दुश्मन को सबक सिखाने वाले काबिल नेता
9 मई से 15 मई 2025 तक के बीच किए गए आईएएनएस मैटराइज के सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई में देश का कौन सा नेता पाकिस्तान को सबक सिखाने में सबसे सक्षम है? इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा समर्थन मिला है। 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को सबक सिखाने में सबसे सक्षम हैं। इसके बाद राहुल गांधी का नंबर आता है, जिन्हें सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों का साथ मिला है।
वहीं, इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी का नंबर आता है, जिन्हें 4 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है, जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को 3 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 2 प्रतिशत, टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2 प्रतिशत, डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को 1 प्रतिशत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 1 प्रतिशत, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को 1 प्रतिशत, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 1 प्रतिशत, बीजू जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन पटनायक को 1 प्रतिशत, अन्य को 1 प्रतिशत और ‘पता नहीं या कह नहीं सकते’ के साथ 8 प्रतिशत लोग रहे हैं।
वैश्विक छवि को किया मजबूत
वहीं, इस सर्वे के अनुसार, 69 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस ऑपरेशन ने पीएम मोदी की वैश्विक छवि को और मजबूत किया है, जबकि 26 प्रतिशत का कहना है कि उनकी छवि में कोई बदलाव नहीं आया, और 5 प्रतिशत इस बारे में अनिश्चित हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता पर असर के बारे में 74 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि लोकप्रियता बढ़ी है।
यह भी पढ़ें : 5 साल की मासूम की रहस्यमय मौत: कब्रिस्तान के पास मिला शव, रेप की आशंका...
इसके अलावा, आईएएनएस मैटराइज सर्वे में 92 प्रतिशत लोगों ने माना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वर्तमान मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है। जबकि 1 प्रतिशत के अनुसार, कुछ हद तक सक्षम है। 4 प्रतिशत नहीं में जवाब देते हैं और 3 प्रतिशत लोगों की स्थिति ‘पता नहीं या कह नहीं सकते’ वाली थी।