नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवादी ठिकानों को तबाह करने के लिए 7 मई को किए गए भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ (Operation Sindoor) में मारे गए आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था। उसके साथ उसके 14 परिजन भी मारे गए हैं।
रऊफ अजहर वही आतंकवादी है, जो कंधार प्लेन हाईजैक, भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला और पठानकोट आतंकवादी हमले समेत कई आतंकी वारदातों के लिए जिम्मेदार था। भारत की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में भी उसका नाम था। भारत ने 27 अक्टूबर 2020 को यूएपीए के तहत नामित आतंकवादियों की सूची में उसे शामिल किया था।
अब्दुल रऊफ अजहर उर्फ मुफ्ती अजहर उर्फ सादा बाबा का जन्म 1 जनवरी 1977 को पाकिस्तान में हुआ था। वह आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ (Operation Sindoor) और जल्द ही एक प्रमुख सदस्य बन गया। उसे 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 के अपहरण का मास्टर माइंड माना जाता है। विमान को नेपाल की राजधानी काठमांडू से हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था।
इसके बाद 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में वह शामिल था। वह पंजाब के पठानकोट में 2 जनवरी 2016 को वायुसेना स्टेशन पर हुए हमले के साजिशकर्ताओं में भी शामिल था।
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इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के कठुआ में जंगलकोट स्थित सेना के शिविर पर, कठुआ में राजबाग थाना क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले, सांबा जिले में सेना के शिविर पर हुए हमले और पंजाब के गुरदासपुर में दीना नगर थाना क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के तंगधार में सेना के शिविर पर हुए हमलों में भी रऊफ अजहर आरोपी था।
रऊफ अजहर के खिलाफ साल 2000 से ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। अमेरिका ने भी साल 2010 में उसे आतंकवादी घोषित किया था। भारतीय सेना ने उसे मारकर जैश-ए-मोहम्मद की कमर तोड़ दी है। यह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में भारत की बड़ी सफलता है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को अंजाम दिया था। पहलगाम हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।