India’s Technological Power केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारे देश की ताकत, हमारी सेनाओं की भूमिका और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का शानदार उदाहरण है। यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन देश की नई सोच और निर्णायक कदमों का प्रतीक है, जिसे पूरे देश को गर्व से देखना चाहिए।
पीएम मोदी का इकोसिस्टम पर जोर
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी शुरू से ही देश के इकोसिस्टम यानी विकास के पूरे ढांचे को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। उनका मानना है कि जब देश में सही दिशा में तकनीकी और औद्योगिक विकास होगा, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा हो सकेगा। उन्होंने बताया कि आज भारत में गैस और रसायन बनाने वाली कंपनियां अपने प्लांट लगा रही हैं, जो पहले विदेशों में लगते थे। इससे न सिर्फ देश में उत्पादन बढ़ रहा है, बल्कि रोज़गार के नए मौके भी बन रहे हैं।
टेक्नोलॉजी बनी भारत की सबसे बड़ी ताकत
ऑपरेशन सिंदूर में विज्ञान और तकनीक का बखूबी इस्तेमाल हुआ, जिससे यह मिशन पूरी तरह से सफल रहा। मंत्री वैष्णव ने बताया कि भारत अब तकनीक के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और यह देश की सबसे बड़ी ताकत बनती जा रही है। इसी सोच के तहत, प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में 1.25 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से एक बड़ा कदम सेमी-कंडक्टर यूनिट से जुड़ा है।
सेमी-कंडक्टर निर्माण में भारत की बड़ी छलांग
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हर महीने 3.6 करोड़ चिप्स बनाई जाएंगी, जिससे देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। इससे लगभग 2000 लोगों को सीधी नौकरी भी मिलेगी।
यह यूनिट HCL और Foxconn के साझेदारी में बनाई जा रही है और यह भारत की छठी सेमी-कंडक्टर यूनिट होगी, जो उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित की जाएगी। इसके लिए 3706 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
पहली स्वदेशी चिप साल 2025 तक मिलने लगेगी, और 2027 तक यह यूनिट पूरी तरह से उत्पादन शुरू कर देगी।
टेक्नोलॉजी से ही बनेगा भविष्य मजबूत
मंत्री वैष्णव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में जो तकनीक का उपयोग हुआ, वह दिखाता है कि कैसे विज्ञान और तकनीक देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। मोदी सरकार का यही उद्देश्य है ,भारत को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना।