Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में किए गए एयरस्ट्राइक के बाद बुधवार को एक ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसने न सिर्फ सैन्य कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी बल्कि भारतीय महिला सैन्य अधिकारियों की क्षमता और नेतृत्व को भी एक नया आयाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीन प्रमुख हस्तियां शामिल रहीं जिनमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री, भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल रहें।
इन दोनों महिला अफसरों ने मीडिया के सामने आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ ऑपरेशन की रणनीति, निष्पादन और सफलता की जानकारी साझा की। इस प्रेस वार्ता में जिस तरह से दोनों महिला अधिकारियों ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचों को उजागर किया और भारत की सर्जिकल क्षमताओं का परिचय दिया, वह अब राष्ट्रीय गर्व का विषय बन चुका है। सोशल मीडिया पर भी दोनों अफसरों की सराहना हो रही है। आइए जानें कौन हैं ये दो जांबाज़ महिलाएं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह
18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुईं विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भारत की सबसे सक्षम महिला हेलिकॉप्टर पायलट्स में गिना जाता है। चेतक और चीता जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने में माहिर व्योमिका सिंह के पास हजारों घंटे की उड़ान का अनुभव है। अपना नाम ‘व्योमिका’ जिसका अर्थ है “जो आसमान को मुट्ठी में रखे” ही उनकी प्रेरणा बना।
क्लास 6 में जब उन्होंने पहली बार अपने नाम का अर्थ जाना, तभी तय कर लिया था कि उनका लक्ष्य वायुसेना ही होगा। वर्ष 2017 में उन्हें विंग कमांडर का पद मिला। व्योमिका सिंह न केवल एक कुशल पायलट हैं बल्कि 2021 में वायुसेना की उस ऐतिहासिक महिला टीम का भी हिस्सा रह चुकी हैं जिसने माउंट मणिरंग की चढ़ाई की थी।
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कर्नल सोफिया कुरैशी
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी, जो सिग्नल कॉर्प्स से हैं, ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब हिन्दी में पाकिस्तान की पोल खोली तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से आतंकियों के ठिकानों की पहचान, स्थान और भारत की कार्रवाई के उद्देश्य को दुनिया के सामने रखा। कर्नल कुरैशी साल 2016 में भारत के पूरे सैन्य दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं थीं जब उन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास Exercise Force 18 का नेतृत्व किया।
गुजरात से आने वाली कर्नल सोफिया एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पास बायोकेमेस्ट्री में डिग्री भी है। कर्नल कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भी हिस्सा लिया है और कोंगो में 6 वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
महिला सैन्य नेतृत्व की पहचान
‘Operation Sindoor’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह भारतीय सेना में महिलाओं की निर्णायक और सम्मानित भूमिका का भी प्रतीक बन गया है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय महिलाएं न सिर्फ मोर्चे पर बल्कि रणनीति और संवाद दोनों में अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम हैं। इन दोनों अधिकारियों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत की रक्षा प्रणाली अब अधिक समावेशी, प्रभावशाली और प्रेरक बन चुकी है।