Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के शांत माने जाने वाले पर्यटन स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बैसरन घाटी में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के समूह पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। Pahalgam घायलों में तीन पर्यटक और तीन स्थानीय लोग शामिल हैं। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमले में कुछ घोड़े भी घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार हमलावर सेना या पुलिस की वर्दी में थे, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। सुरक्षाबलों ने इलाके में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
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सैलानियों पर अचानक हमला, घबराहट का माहौल
बैसरन घाटी Pahalgam में दोपहर के वक्त सैलानी घुड़सवारी और ट्रैकिंग का लुत्फ उठा रहे थे, जब ऊंचाई वाले क्षेत्र से अचानक गोलियों की आवाजें गूंज उठीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर छिपकर बैठे थे और उन्होंने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। गोली लगने से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। आसपास के स्थानीय लोगों और गाइड्स ने घायलों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया और मदद के लिए सुरक्षाबलों को सूचित किया।
कुछ ताजा तस्वीरों और वीडियो में देखा गया कि लोग अपनी दुकानें बंद कर रहे थे और एक महिला घायल बेटे के लिए रोती दिखी। लोगों में डर का माहौल है, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें शांत रहने और सहयोग करने की अपील की है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, सर्च ऑपरेशन जारी
Pahalgam हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की क्विक रिएक्शन टीम (QAT) घटनास्थल पर पहुंच गई। पूरे बैसरन इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमलावरों की संख्या दो से तीन बताई जा रही है, और उनके सेना या पुलिस की वर्दी में होने की बात ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है।
पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि इस हमले का मकसद अमरनाथ यात्रा से पहले डर का माहौल बनाना है। उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में सक्रिय 90% आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए हैं और स्थानीय आतंकियों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आमतौर पर पर्यटकों पर हमले नहीं होते, लेकिन इस बार आतंकियों ने ऊंचाई का फायदा उठाकर हमला किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
घटना की राजनीतिक स्तर पर कड़ी निंदा की गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अल्ताफ अहमद वानी ने इसे कायरता बताया और मुख्यमंत्री से घायलों की देखभाल की अपील की। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह हमला मूर्खतापूर्ण है और कश्मीर की शांति के खिलाफ है। भाजपा नेता विकास सिंह भोले ने इसे “आतंक का घिनौना चेहरा” बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की। सुरक्षाबल अब पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट पर हैं और हमलावरों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया गया है।