पटना ऑनलाइन ढेस्क। बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी पेपर लीक को लेकर अभ्यर्थी बापू सभागार परीक्षा केंद्र पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सूचना पर जिले के डीएम चंद्रशेखर सिंह पहुंचे। डीएम को देख अभ्यर्थी भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप डीएम पर लगाते हुए सस्पेंड किए जाने की मांग करने लगे। जिसके कारण ‘डीएम साहब; गुस्से से आगबबूला हो गए और एक अभ्यर्थी को थप्पड़ जड़ दिया। जिसके बाद पटना के डीएम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। अभ्यर्थी भी डीएम के खिलाफ आर-पार की जंग का ऐलान किया।
पहले जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 2024 का आयोजन किया। पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा भवन में अभ्यर्थियों ने परीक्षा को लेकर हंगमा किया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उनको परीक्षा हॉल में ओएमआर शीट और क्वेश्चन पेपर काफी देर से मिला। इसके अलावा कुछ अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्हें क्वेश्चन पेपर नहीं मिला। परीक्षार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि कई अभ्यर्थियों के पास लिखा हुआ आंसर पेपर था। वहीं बीपीएससी की परीक्षा में पेपर लीक आ भी आरोप लगाया गया। अभ्यर्थियों ने परीक्षा को रद्द करने की मांग की।
मौके पर पहुंचे पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह
हंगामे की जानकारी मिलने पर पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर मौके पर पहुंचे। उनके लाख समझाने पर भी अभ्यर्थी नहीं मान रहे थे और उनका आक्रोश खत्म नहीं हो रहा था। इसके बाद डीएम चंद्रशेखर को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने एक अभ्यर्थी को थप्पड़ जड़ दिया। डीएम का कहना है कि अभ्यर्थियों की संख्या और एक बॉक्स में आने वाले क्वेश्चन पेपचर की संख्या के चलते भ्रम की स्थिति बनी। अभ्यर्थियों ने आपत्ति जमाई कि एक हॉल से दूसरे हॉल में क्वेश्चन पेपर क्यों भेजे जा रहे हैं। इस कारण पेपर बांटने में देरी हुई। जिन्हें देरी से पेपर मिले, उन्हें अतिरिक्त समय भी दिया गया।
कुछ इस तरह से बोले डीएम चंद्रशेखर सिंह
डीएम ने बताया कि एक सेंटर पर एग्जाम रूम में 273 अभ्यर्थियों का सीटिंग प्लान बनाया गया था। इस लिहाज से 288 क्वेश्चन पेपर आने चाहिए थे। एनवलप 12-12 के सेट में आता है। एक बॉक्स में केवल 192 पेपर ही आए। इसलिए दूसरे हॉल से भी पेपर लेना पड़ा और जब दूसरे हॉल में पेपर खुला और कम पड़ा तो तीसरे हॉल से लेना पड़ा। इसी को लेकर अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं। परीक्षक ने भी अभ्यर्थियों को यही समझाने की कोशिश की और करीब 15 मिनट का समय जाया हो गया। डीएम ने बताया कि अभ्यर्थियों के सारे आरोप निराधार हैं। वह हंगामा करने के साथ अपशब्द बोल रहे थे।
जून 2024 को बनाए गए पटना के डीएम
आईएएस चंद्रशेखर सिंह को 26 जून 2024 को पटना की डीएम बनाया गया था। आईएएस चंद्रशेखर सिंह इससे पहले भी पटना के डीएम के पद पर रह चुके हैं। डीएम चंद्रशेखर सिंह की पहचान बिहार में सख्त आईएएस अफसरों में होती है। बताया जाता है कि लापरवाही के मामले में वह तत्काल कार्रवाई के लिए भी जाने जाते हैं। आईएएस चंद्रशेखर इससे पहले तब सूर्खियों में आए जब उन्होंने जनवरी 2024 में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था। कड़ाके की सर्दी के मद्देनजर पटना में स्कूलों की छुट्टी को लेकर शिक्षा विभाग ने पटना प्रशासन को एक लेटर भेजा गया था। सचिव के आदेश के बाद भी उन्होंने शीतलहर के कारण जिले के स्कूलों को बंद कर दिया था, जिस पर विवाद हुआ था।
2010 के आईएएस अफसर हैं चंद्रशेखर सिंह
चंद्रशेखर सिंह 2010 बैच बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2009 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और चयन आईएएस के लिए किया गया। उन्होंने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया था। वह मुख्यमंत्री सचिवालय का विशेष सचिव पद पर भी रह चुके हैं। पटना डीएम चंद्रशेखर ने जिले में चल रहे कोचिंग सेंटरों को सील करने का आदेश भी जारी किया था। जारी आदेश में कहा गया था कि जिन कोचिंग सेंटरों का संचालन बेसमेंट में हो रहा है, उन्हें सील कर दिया जाएगा। हालांकि प्रशासन की जांच में एक भी कोचिंग सेंटर बेसमेंट में नहीं पाया गया। पटना डीएम की छवि इमानदार और तेज-तर्राक अफसरों में की जाती है। डीएम को सीएम नीतीश कुमार का करीबी बताया जाता है।