चीन ने LAC पर 1.2 लाख सैनिकों और भारी हथियारों के साथ मजबूत किया सैन्य दबदबा, पेंटागन की सामने आई रिपोर्ट

2024 की पेंटागन रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 1.2 लाख सैनिकों, टैंक, हॉवित्जर, मिसाइल और भारी हथियारों के साथ अपनी सैन्य स्थिति मजबूत की हुई है।

India China Border
India China Border : गलवान घाटी में 2020 में हुए संघर्ष के बाद से, चीन ने भारतीय सीमा के पास अपनी सैन्य गतिविधियों को कम नहीं किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय, पेंटागन की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 1.2 लाख सैनिकों, टैंकों, हॉवित्जर, मिसाइलों और भारी हथियारों के साथ अपनी सैन्य स्थिति बनाए रखी है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि चीन ने अपनी वेस्टर्न थियेटर कमांड (WTC) पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है, जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले LAC क्षेत्र की निगरानी करती है।
चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य बुनियादी ढांचे का विस्तार किया है, जिसमें सड़कें, एयरबेस और लॉजिस्टिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है। चीन ने यहां 20 से ज्यादा संयुक्त हथियार ब्रिगेड (Combined Arms Brigades) तैनात की हैं, जो अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकी संसाधनों से लैस हैं। इसके अलावा, ड्रोन यूनिट और मिसाइल बेस भी स्थापित किए गए हैं।

गलवान संघर्ष के बाद कैसी थी स्थिति?

2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से, भारत और चीन के बीच 21 दौर की कोर कमांडर वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद चीन ने अपनी सैन्य तैनाती में कोई कमी नहीं की है। दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए इन वार्ताओं का आयोजन किया गया था, लेकिन चीन की सैन्य गतिविधियां लगातार जारी हैं।

चीन की परमाणु ताकत में इजाफा

चीन अपनी परमाणु ताकत को तेजी से बढ़ा रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि चीन के पास वर्तमान में लगभग 600 परमाणु हथियार हैं। यदि यह वृद्धि इसी गति से जारी रहती है, तो 2030 तक यह संख्या 1,000 तक पहुंच सकती है। चीन की बढ़ती परमाणु ताकत से वैश्विक सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

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चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां और परमाणु ताकत भारत के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न कर रही हैं। इसके जवाब में, भारतीय सेना सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिसमें सड़कें, पुल और अन्य आवश्यक निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा, भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आधुनिक हथियारों और उपकरणों की तैनाती भी कर रहा है, ताकि वह किसी भी संभावित खतरे से निपट सके।

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