PM Modi Speech On Buddha Purnima 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मई 2025 को बुद्ध पूर्णिमा की रात 8 बजे देश को संबोधित करने वाले हैं। यह समय कोई सामान्य नहीं है—हर बार जब मोदी इस घंटे बोले हैं, तब देश ने किसी बड़े फैसले का स्वाद चखा है। चाहे 2016 की नोटबंदी हो या 2020 का लॉकडाउन, रात 8 बजे का संदेश अक्सर नई दिशा का संकेत रहा है। अब जब यह संबोधन बुद्ध पूर्णिमा जैसे आध्यात्मिक अवसर पर होने जा रहा है, सवाल उठते हैं—क्या कोई धार्मिक योजना का एलान होगा? क्या भारत बौद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाने वाला है? या फिर कोई नई सामाजिक या आर्थिक नीति आने वाली है? मोदी के पिछले भाषणों की तरह ही यह रात भी देश के लिए यादगार बन सकती है। सभी की निगाहें अब उस एक घड़ी पर टिकी हैं—रात 8 बजे!
रात 8 बजे का राजनीति से रिश्ता: जब पीएम मोदी ने लिए देश के सबसे बड़े फैसले
PM Modi के शासनकाल में “रात 8 बजे” सिर्फ एक समय नहीं, बल्कि बड़े और निर्णायक फैसलों का प्रतीक बन गया है। इस समय लिए गए कई फैसलों ने देश की दिशा और दशा दोनों को गहराई से प्रभावित किया। आइए, ऐसे कुछ प्रमुख रात 8 बजे के संबोधनों और उनके नतीजों को विस्तार से समझते हैं।
1. 8 नवंबर 2016 – नोटबंदी की ऐतिहासिक घोषणा
समय: रात 8 बजे
PM Modi ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया। यह फैसला भ्रष्टाचार, काले धन और आतंकवादी फंडिंग को रोकने के उद्देश्य से लिया गया। इसके बाद देशभर में एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लग गईं। नकदी संकट ने छोटे कारोबारों और मजदूर वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित किया। हालांकि सरकार ने इसे डिजिटल भुगतान और कर व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
2. 24 मार्च 2020 – कोविड-19 लॉकडाउन की घोषणा
समय: रात 8 बजे
देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने अचानक 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन बना। हालांकि, रात में घोषणा करने का उद्देश्य था कि लोग दिनभर की भागदौड़ के बाद शांत माहौल में इसे सुनें और अगले दिन से पालन शुरू करें। प्रवासी मजदूरों और दैनिक मजदूरी करने वालों को भारी कठिनाई झेलनी पड़ी।
3. 19 मार्च 2020 – जनता कर्फ्यू की अपील
समय: रात 8 बजे
22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील मोदी ने रात को की, ताकि लोगों को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके। शाम 5 बजे ताली-थाली बजाने की पहल ने एकजुटता का भाव पैदा किया और स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाया।
4. 7 अगस्त 2019 – धारा 370 पर राष्ट्र को संबोधन
समय: रात 8 बजे
5 अगस्त को सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई। दो दिन बाद मोदी ने देश को संबोधित कर इसके पीछे की सोच, क्षेत्रीय विकास की योजनाओं और शांति की आवश्यकता पर बात की। संवेदनशील मुद्दे पर रात का समय इसलिए चुना गया ताकि लोग गंभीरता से पूरा भाषण देख-सुन सकें।
5. अन्य रात 8 बजे घोषणाएं (संक्षेप में):
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14 अप्रैल 2020: लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा।
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12 मई 2020: 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान।
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30 जून 2020: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान।
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9 नवंबर 2020: कृषि योजनाओं पर अपडेट और लाभार्थियों को डिजिटल हस्तांतरण।
PM Modi द्वारा बार-बार रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करने का समय एक रणनीतिक चयन है – जब लोग घर पर होते हैं, मीडिया पूरी तरह सक्रिय होता है और ध्यान केंद्रित रहता है। इस समय लिए गए फैसले न केवल तात्कालिक प्रतिक्रिया लाते हैं, बल्कि इतिहास में दर्ज हो जाते हैं। 2014 से 2025 के बीच, मोदी कम से कम 10 बार इस समय देश से मुख़ातिब होकर बड़े निर्णय सुना चुके हैं।
इस बार क्यों है यह संदेश खास?
बुद्ध पूर्णिमा – भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक महत्व वाला दिन। गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान और निर्वाण – तीनों इस दिन माने जाते हैं। और ठीक इसी शुभ रात को मोदी का यह संबोधन आने वाला है।
संभावनाएं क्या हैं?
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धार्मिक-सांस्कृतिक योजना:
बौद्ध सर्किट (सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर) के विकास की कोई नई योजना या वैश्विक बौद्ध सम्मेलन का एलान। -
सॉफ्ट पावर की दिशा में कदम:
भारत की बौद्ध विरासत को वैश्विक स्तर पर और उभारने की योजना। -
शांति और विश्व बंधुत्व का संदेश:
रूस-यूक्रेन, गाजा-इजरायल जैसे तनाव के दौर में भारत एक बार फिर शांति का पैगाम देने वाला है? -
नई नीतिगत घोषणा:
शिक्षा, पर्यटन, पर्यावरण या सामाजिक समरसता को लेकर कोई क्रांतिकारी कदम?
रात 8 बजे का समय इसे और गूढ़ बना देता है – क्योंकि यह वही समय है जब मोदी पहले भी देश को चौंका चुके हैं।
क्या होगा इस बार? उम्मीद, डर या चौंकाने वाला फैसला!
2025 में भारत कई मोर्चों पर खड़ा है – वैश्विक स्तर पर दबाव, आंतरिक राजनीतिक समीकरण, चुनावी समीपता और सामाजिक विभाजन। बुद्ध पूर्णिमा जैसे अवसर पर मोदी का संबोधन सिर्फ एक आध्यात्मिक वक्तव्य नहीं होगा, यह एक रणनीतिक कदम भी हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि PM Modi सरकार किसी भी बड़े बदलाव की घोषणा करने से पहले वातावरण को प्रतीकात्मक रूप से तैयार करती है – ठीक जैसे नोटबंदी से पहले ‘कैशलेस इंडिया’ की बातें, या धारा 370 से पहले अमरनाथ यात्रा का रोका जाना।
12 मई की रात – इंतज़ार या इम्तिहान?
जो तय है वह है प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, लेकिन जो अनिश्चित है वह है उसका संदेश। क्या यह एक साधारण बधाई संदेश होगा या एक नई नीति, योजना या फैसले की शुरुआत?
इतिहास को देखते हुए देश की धड़कनें फिर तेज़ हैं – क्योंकि जब मोदी रात 8 बजे बोलते हैं, तो सिर्फ शब्द नहीं, फैसले उतरते हैं।
तो क्या इस बार फिर से देश किसी बड़े मोड़ की ओर बढ़ रहा है? जवाब मिलेगा… 12 मई की रात 8 बजे!