अचानक पाकिस्तान मसले के बीच जातिगत आरक्षण वाला मास्टर स्ट्रोक पीएम मोदी ने क्यों चल दिया ?

पाकिस्तान से तनाव और पहलगाम हमले की गर्मी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने आरक्षण नीति में बड़ा बदलाव कर दिया है। यह कदम राष्ट्रहित का मास्टरस्ट्रोक है या राजनीतिक ध्यान भटकाने की चाल—बहस तेज़ हो चुकी है।

PM Modi

PM Modi strategy: जब देश पहलगाम हमले के जख्म से कराह रहा है और सीमा पर गोलीबारी थमने का नाम नहीं ले रही, तब PM Modi ने जाति-आधारित आरक्षण में “गतिशील कोटा मॉडल” की घोषणा कर राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। एक ओर पाकिस्तान के खिलाफ ‘कड़ा जवाब’ देने की बात हो रही है, तो दूसरी ओर आरक्षण नीति में परिवर्तन के इस कदम को लेकर बहस तेज हो गई है: क्या यह एक दूरदर्शी सामाजिक सुधार है या युद्ध जैसे हालातों से ध्यान हटाने का एक सटीक राजनीतिक दांव? मोदी के इस फैसले ने न सिर्फ विपक्ष को चौंकाया है, बल्कि आम जनता में भी हलचल मचा दी है।

पहलगाम की आग और आरक्षण की आंच

22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर है। एलओसी पर छह दिन से लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों के बीच 29 अप्रैल को PM Modi ने आरक्षण नीति की व्यापक समीक्षा का एलान कर दिया। प्रस्तावित “गतिशील कोटा मॉडल” सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों और क्षेत्रीय विषमताओं के आधार पर लाभों का पुनर्वितरण करेगा। इस फैसले का मकसद एससी और ओबीसी समुदायों की शिक्षा और रोज़गार तक पहुंच को संतुलित करना बताया गया है।

राजनीतिक निशाने और सामाजिक सन्देश

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की डॉ. नेहा शर्मा के मुताबिक, “यह एक बहुस्तरीय दांव है – आंतरिक असंतुलन को साधने और सीमाई संकट से ध्यान हटाने दोनों का।” भाजपा के 2024 प्रदर्शन के बाद, खासकर यूपी और बिहार में ओबीसी-एससी वोटों को दोबारा साधने की चुनौती साफ दिख रही है। ऐसे में आरक्षण पर फोकस भाजपा के लिए एक टॉनिक की तरह है।

सोशल मीडिया और विपक्षी हमले

‘एक्स’ पर ट्रेंड कर रहे पोस्ट आरोप लगा रहे हैं कि यह ‘जाति कार्ड’ दरअसल विपक्ष की संसद सत्र की मांग को ध्वस्त करने और मोदी की कश्मीर नीति की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है। कांग्रेस ने पीएम पर “गायब रहने” का आरोप लगाया है। वहीं भाजपा प्रवक्ता अनिल गुप्ता का कहना है, “यह विभाजन नहीं, समावेशन की नीति है।”

यह नीति बदलाव क्या मोदी की रणनीतिक बुद्धिमत्ता का परिचायक है या केवल एक चतुर मोहरा, यह तो समय बताएगा। फिलहाल, एक बात तय है: PM Modi ने राजनीतिक शतरंज की बिसात पर एक चाल और चल दी है – जोखिम भरी, लेकिन दूरगामी असर वाली।

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