नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीम शरद पवार ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। ख़बर के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात क़रीब 20 से 25 मिनट तक चली। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान दोनों के बीच महाराष्ट्र के मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसके पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अपने गृह राज्य की सियासत में सक्रिय होने की खबरों के बीच बीती रात राकांपा प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित निवास पर रात्रिभोज हुआ। इसमें गडकरी के अलावा कांग्रेस विधायक व शिवसेना नेता संजय राउत भी मौजूद थे।
महाराष्ट्र को लेकर भाजपा लगातार सक्रिय है। अपनी पुरानी साथी शिवसेना द्वारा दो साल पहले साथ छोड़ने व उसके धुर विरोधी दलों कांग्रेस तथा राकांपा के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी एमवीए सरकार बनाने के बाद से उसकी गठबंधन सरकार से तकरार जारी है। उधर, भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्टों पर है। बीते दिनों 25 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गठबंधन सरकार में शामिल पार्टी के मंत्रियों द्वारा उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है। यदि उनकी नाराजगी और बढ़ती है और वे बगावत पर उतरते हैं तो भाजपा उन्हें अपने पाले में लेने में देर नहीं करेगी।
जहां तक सवाल शिवसेना का है तो उसका व भाजपा का मेल अभी मुश्किल नजर आता है। उधर राकांपा भी अपने कई नेताओं के जांच एजेंसियों के घेरे में होने को लेकर केंद्र से खफा है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री नवाब मलिक पर शिकंजा कसा जा चुका है तो शिवसेना सांसद संजय राउत की भी संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। जहां भाजपा की ओर से नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में सक्रियता बढ़ाई है। वहीं, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ‘मनसे’ के प्रमुख राज ठाकरे भी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। लंबे अरसे बाद उन्होंने मस्जिदों में तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाए जाने पर आपत्ति जताते हुए इन पर कार्रवाई की मांग की है। इन हालातों से लग रहा है कि महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण बन सकते हैं।