Pope Francis death and India tribute : पूरे विश्व को शांति, भाईचारे और सामाजिक समानता का संदेश देने वाले कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस अब हमारे बीच नहीं रहे। 21 अप्रैल 2025 को उनके निधन की खबर ने दुनियाभर के लोगों को गहरे दुख में डाल दिया है। भारत सरकार ने भी उनके सम्मान में गहरा शोक जताते हुए तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
क्यों झुकेगा फिर से तिरंगा?
भारत विविधताओं में एकता और धर्मों के बीच मेलजोल का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में जब कोई ऐसा शख्स दुनिया को अलविदा कहता है, जिसने जीवनभर शांति और मानवता की बात की, तो भारत का झुकना स्वाभाविक है। गृह मंत्रालय ने बताया कि पोप फ्रांसिस की याद में 22, 23 और अब 26 अप्रैल को राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। अंतिम दिन 26 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार होगा, इसी मौके पर फिर से राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया जाएगा।
कौन थे पोप फ्रांसिस?
पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था। वो साल 2013 में पोप बने और पहले लैटिन अमेरिकी धर्मगुरु के तौर पर इतिहास रच दिया। अपने सादे जीवन, गरीबों के लिए आवाज उठाने और पर्यावरण के प्रति चिंता ने उन्हें लोगों के दिलों में खास जगह दी। उन्होंने हमेशा सभी धर्मों को जोड़ने की बात की और आपसी समझदारी को बढ़ावा दिया।
राजकीय शोक के दौरान क्या होता है?
जब किसी अंतरराष्ट्रीय महान व्यक्तित्व के निधन पर भारत राजकीय शोक घोषित करता है, तो कुछ खास नियम अपनाए जाते हैं।
राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया जाता है, जो सम्मान और दुख की निशानी होती है।
सरकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए जाते हैं, चाहे वो उद्घाटन हों या कोई और आयोजन।
टीवी-रेडियो पर केवल शोक संबंधी कार्यक्रम दिखाए जाते हैं, मनोरंजन से जुड़ी चीजें रोक दी जाती हैं।
दफ्तर और स्कूल-कॉलेज खुले रहते हैं, जब तक कोई अलग निर्देश न हो।
वेटिकन में अंतिम संस्कार
26 अप्रैल को पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार वेटिकन सिटी में होगा। इसमें दुनियाभर के बड़े नेता और धर्मगुरु शामिल होंगे। भारत भी इस मौके पर अपनी तरफ से एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजेगा जो पोप को अंतिम श्रद्धांजलि देगा।