नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी राजा रघुवंशी हत्याकांड का मेघायल पुलिस ने खुलासा कर दिया है। प्रदेश की पहली लेडी डीजीपी इदाशिशा नोगरांग ने राजा रघुवंशी मामले का पर्दाफाश को लेकर ऑपरेशन हनीमून चलाया। टीम में लेडी डीजीपी ने 5 आईपीएस और 120 पुलिसकर्मियों को लगाया। इस सुनियोजित हत्याकांड में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी मुख्य साजिशकर्ता निकली। हत्यारिन रानी ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन भाड़े के हत्यारों आकाश राजपूत, विशाल उर्फ विक्की ठाकुर और आनंद कुर्मी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। मेघालय पुलिस ने चारों को कोर्ट में पेश किया। मजिस्ट्रेट शशांक सिंह ने चारों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर मेघालय पुलिस के हवाले कर दिया। मेघालय पुलिस सभी आरोपियों को लेकर शिलॉन्ग के लिए चली गई है।
पहले जानें पूरा मामला
दरअसल, इंदौर के रहने वाला राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम के साथ हुई थी। शादी के दो दिन के बाद सोमन मायके चली गई। इसके बाद सोमन ने पति से हनीमून में जानें को कहा। राजा अपनी पत्नी सोनम के साथ 20 मई को अपने हनीमून के लिए मेघालय की यात्रा पर रवाना हुए। 23 मई को पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा इलाके में छुट्टियां मनाते समय वे लापता हो गए। 2 जून को रघुवंशी का शव एक खाई में पड़ा मिला और उनकी पत्नी सोनम लापता थी। दोनों के परिजनों ने आशंका जताई थी कि राजा रघुवंशी की हत्या करने वालों ने सोनम का अपहरण कर लिया होगा और उसे अवैध तरीके से भारत की सीमा से बाहर बांग्लादेश या म्यांमार ले गए होंगे। मेघायल पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की। इस पूरे ऑपरेशन की कमान खुद लेडी डीजीपी इदाशिशा नोगरांग ने संभाली। उन्होंने 5 आईपीएस और 120 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई और ऑपरेशन हनीमून को लॉन्च कर दिया।
7 जून को एक साथ छापेमारी
मेघायल पुलिस की टीमें एक साथ यूपी और मध्य प्रदेश के कई शहरों में दाखिल होती हैं। 7 जून को एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी कर तीनों भाड़े के हत्यारों को गिरफ्तार कर लेती है। पुलिस के हत्थे लगे सुपारी किलर्स में आकाश राजपूत, विशाल चौहान और आनंद प्रमुख थे। तीनों की मुलाकात सोनम से हो चुकी थी। सोनम के प्रेमी ने तीनों को हायर किया था और राजा की सुपारी दी थी। मेघायल पुलिस ने कुछ घंटे के बाद राज कुशवाहा को भी अरेस्ट कर लेती है। राज की गिरफ्तारी के बाद अचानक सोनम गाजीपुर में सरेंडर कर देती है। पुलिस को राजा की हत्या के बाद से सोमन पर शक था। लेडी डीजीपी ने मीडिया को बताया कि हमें शक तब हुआ जब कपल ने हनीमून के दौरान कोई फोटो नहीं लिया और न ही सोशल मीडिया पर कुछ अपलोड किया। हत्या के बाद सोनम ने राजा के अकाउंट से दोपहर 2ः15 बजे एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, ’सात जन्मों का साथ है’ ‘इससे सोनम पर संदेह और गहरा गया।
सोनम ने किया इशारा और राजा को मार डाला
पुलिस के अनुसार, सोनम ने तीनों हत्यारों को मध्य प्रदेश से मेघालय बुलाया। 21 मई को सभी गुवाहाटी पहुंचे, जहां हथियार ’डाव’ एक होटल के बाहर दुकान से खरीदा गया। 23 मई को सोनम राजा को एक सुनसान रास्ते पर ले गई, जहां तीनों हत्यारों ने धारदार हथियार से सिर पर दो बार वार कर राजा की हत्या कर दी। सोनम घटनास्थल के ठीक सामने मौजूद थी और उसने हत्यारों को ’मारो इसे’ का इशारा दिया। वारदात के 10 किलोमीटर पहले सोनम तीनों आरोपियों के साथ सीसीटीवी में दिखी। हत्या के बाद सभी 11 किलोमीटर दूर जाकर मिले। पुलिस को मौका-ए-वारदात से आकाश की खून से सनी शर्ट और 6 किलोमीटर दूर सोनम का रेनकोट मिला, जिसे जांच को भटकाने के लिए छोड़ा गया था। आनंद कुर्मी को पकड़े जाने के समय वही कपड़े मिले, जो उसने हत्या के दौरान पहने थे। स्कूटी वाले से आने-जाने का पैटर्न भी पुलिस को मिला, जिसने साजिश की कड़ियों को जोड़ा।
इंदौर में रूकी थी सोनम
हत्या के बाद सोनम 23 मई को गुवाहाटी से ट्रेन के जरिए इंदौर पहुंची, जहां वह प्रेमी राज कुशवाह से मिली। राज ने उसे एक दिन किराए के कमरे में रुकवाया। इसके बाद एक ड्राइवर ने सोनम को उत्तर प्रदेश छोड़ा। 25 मई से सोनम गाजीपुर में छिपी थी और लगातार राज समेत अन्य आरोपियों से संपर्क में थी। 3 और 4 जून को पुलिस को सोनम की संलिप्तता का पता चल गया था। इधर, पुलिस ने इंदौर में राज कुशवाह को उठा लिया और फिर सोनम ने गाजीपुर के एक ढाबे पर सरेंडर कर दिया। पुलिस के मुताबिक, हत्या की वजह राजा को रास्ते से हटाकर सोनम का राज कुशवाह के साथ रहना था। सोनम और राज के बीच प्रेम संबंध थे, जिसके चलते इस साजिश को अंजाम दिया गया। मेघायल पुलिस अब चारों को शिलांग लेकर चली गई है। जहां पुलिस आरोपियों से पूछताछ करेगी। मेघायल पुलिस का कहना है कि सभी के खिलाफ उनके पास पुख्ता साक्ष्य हैं। जिसके जरिए आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाई जाएगी।
कौन हैं इदाशिशा नोगरांग
आईपीएस इदाशिशा नोगरांग ने पिछले साल ही मेघालय डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला है। 20 मई 2024 को मेघालय की पहली महिला पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। 1992 बैच की असम-मेघालय कैडर की यह तेजतर्रार अधिकारी इससे पहले स्पेशल डीजी के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने एलआर बिश्नोई की जगह ली है, जो पिछले साल 19 मई को सेवानिवृत्त हुए थे। नोरांग को 20 मई 2024 से 19 मई 2026 तक, दो साल के कार्यकाल के लिए डीजीपी नियुक्त किया गया है। उनका चयन मेघालय सुरक्षा आयोग द्वारा किया गया था। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने की थी। आयोग ने यूपीएससी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए तीन वरिष्ठ अधिकारियों आरपी मीणा, दीपक कुमार और नोरांग में से उन्हें सर्वसम्मति से चुना। नोगरांग अपने शांत और संजीदा स्वभाव, अनुशासित कार्यशैली और जमीनी पुलिसिंग में गहरी पकड़ के लिए जानी जाती हैं।
लेडी डीजीपी का शानदार कॅरियर
नोगरागं मेघालय की मूल निवासी हैं और खासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उनके पुलिस करियर की शुरुआत से ही वह कई चुनौतीपूर्ण अभियानों का हिस्सा रही हैं। आतंकवाद-निरोध, ड्रग्स के खिलाफ अभियान, महिला सुरक्षा, और खुफिया तंत्र को मजबूत करने में उनका योगदान सराहनीय रहा है। वे ऐसी पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने न केवल राज्य स्तर पर नेतृत्व किया बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महिला आईपीएस अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। जब मेघायल में राजा की हत्या हुई तब डीजीपी नोगरागं ने कहा था कि हम राज से पर्दा उठाकर रहेंगे। उन्होंने यहां तक दावा किया था कि राजा हत्याकांड में स्थानीय लोग शामिल नहीं है। जबकि राजा और सोमन के परिवारवाले मेघालय पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे थे। दोनों के परिवारवालों ने सीबीआई से जांच कराए जानें की मांग भी की थी।