Ratan Tata passes away: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन (chairman of Tata Sons) रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में निधन हो गया। वे कई दिनों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष के निधन की खबर से पूरे देश और दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है।
इससे पहले सोमवार को को भी उनकी तबियत बिगड़ने की खबर आई थी। रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अपने स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह अपनी उम्र के कारण नियमित चिकित्सा जांच करवा रहे हैं।
नहीं रहे दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा
लंबे समय से चल रहे थे बीमार
86 साल की उम्र में ली आखिरी सांस#RatanTata Ratan Tata Dies #BigBreaking pic.twitter.com/Q0lVug2XgP
— News1India (@News1IndiaTweet) October 9, 2024
टाटा समूह ने उनके निधन का जानकारी दी है। समूह ने एक्स (ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट शेयर कर कहा, “हम रतन नवल टाटा को गहरी क्षति के साथ विदाई दे रहे हैं, वे वास्तव में एक असाधारण व्यक्ति थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ढांचे को भी आकार दिया है….”
रतन टाटा को सिर्फ उद्योगपति के नाम से ही नहीं बल्कि वे एक बड़े समाजसेवी और विनम्र व्यक्तित्व के लिए भी जाना जाता था। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कोई ऊंचाईयों का छूआ, जिनमें भारत में किफायती कार टाटा नैनो और ब्रिटिश कार कंपनियों जेगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण शामिल है। रतन टाटा का मानना था कि व्यापार को समाज की सेवा के रूप में किया जाना चाहिए।
भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया।