RBI Credit Score New Rules: जब भी आप किसी बैंक या वित्तीय संस्था में लोन के लिए आवेदन करते हैं, सबसे पहले आपका क्रेडिट या सिबिल स्कोर देखा जाता है। सामान्य रूप से 750 या उससे अधिक स्कोर होने पर आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अभी तक सिबिल स्कोर अपडेट करने वाली कंपनियां जैसे CRIF हाई मार्क, इक्विफैक्स आदि आपका स्कोर केवल 15 दिन में एक बार अपडेट करती थीं। लेकिन रिजर्व बैंक ने इस व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए 29 सितंबर 2025 को नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के मुताबिक, अप्रैल 2026 से आपका क्रेडिट स्कोर हर हफ्ते अपडेट किया जाएगा।
हर महीने 5 बार स्कोर अपडेट होगा
RBI की नई नियमावली के अनुसार, सभी सिबिल कंपनियां हर महीने की 7, 14, 21, 28 तारीख और महीने की आखिरी तारीख (30 या 31) को आपका पूरा क्रेडिट डेटा ताज़ा करेंगी।
इसका मतलब है कि महीने में कम से कम पाँच बार आपका स्कोर अपडेट होगा। अगर बैंक और सिबिल कंपनियां चाहें, तो वे इसे हफ्ते से पहले भी यानी हर तीन–चार दिन में अपडेट कर सकती हैं।
बैंक कैसे भेजेंगे नया डेटा?
बैंकों को हर महीने के अंतिम दिन तक का पूरा डेटा अगले महीने की 3 तारीख तक सिबिल कंपनियों को भेजना होगा।
उदाहरण के लिए, 31 अक्टूबर का पूरा डेटा 3 नवंबर तक पहुँचना आवश्यक है।
अन्य तारीखों 7, 14, 21, और 28, पर बैंकों को सिर्फ बदलाव वाला डेटा भेजना होगा। इसे ‘इंक्रीमेंटल डेटा’ कहा जाता है।
इसमें शामिल होगा
नए खुले लोन या अकाउंट
बंद किए गए लोन या कार्ड
चुकाई गई EMI
पता बदलने की जानकारी
लोन का स्टेटस अपडेट
इंक्रीमेंटल डेटा दो दिनों के भीतर भेजना जरूरी है। जैसे, 7 तारीख का डेटा 9 तारीख तक भेजा जाएगा।
अगर बैंक देर करें तो शिकायत सीधे RBI को
यदि कोई बैंक समय सीमा का पालन नहीं करता, तो सिबिल कंपनी को हर छह महीने में—31 मार्च और 30 सितंबर को—RBI के DAKSH पोर्टल पर उस बैंक की शिकायत दर्ज करनी होगी।
अब बैंकों पर भी डेटा अपडेट को लेकर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
नई व्यवस्था ग्राहकों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
समय पर EMI भरने पर आपका स्कोर 7 दिन में बेहतर होगा, जबकि पहले इसमें 15–30 दिन लग जाते थे।
पुराना लोन बंद करने पर फायदा तुरंत दिखेगा।
गलत जानकारी तुरंत हटेगी और स्कोर तेजी से सुधरेगा।
बैंक को आपका नवीनतम स्टेटस पता होगा, जिससे लोन रिजेक्शन के चांस कम होंगे।
फ्रॉड या चोरी हुए कार्ड का गलत असर जल्दी मिट जाएगा।
बैंकों और NBFCs को भी राहत
बैंकों और NBFCs को अब जल्दी पता चल जाएगा कि ग्राहक ने कहीं और नया लोन लिया है या किसी भुगतान में चूक की है। इससे उनका जोखिम कम होगा और वे ज्यादा समझदारी से लोन मंजूर कर सकेंगे।
कुल मिलाकर, नया सिस्टम लोन प्रक्रिया को और तेज और पारदर्शी बनाएगा। RBI की यह गाइडलाइन अभी ड्राफ्ट के रूप में है और सभी बैंक, NBFC और सिबिल कंपनियों से सुझाव मांगे गए हैं। उम्मीद है कि नई व्यवस्था अप्रैल 2026 से लागू कर दी जाएगी।







