Reeva News: कोर्ट मैरिज करने मुस्लिम युवक पर लव जिहाद का मामला लगा कर वकीलों ने कर दी जमकर पिटाई,इस मामले ने क़ानून सुरक्षा पर उठाये कई सवाल

मध्य प्रदेश के रीवा में कोर्ट मैरिज कराने आए युवक को वकीलों ने लव जिहाद का आरोप लगाकर पीटा। युवक की प्रेमिका छह महीने की गर्भवती थी। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया। कोर्ट परिसर में हुई इस हिंसा ने सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Reeva News: मध्य प्रदेश के रीवा में एक युवक को वकीलों ने जमकर पीटा, जब वह अपनी प्रेमिका के साथ कोर्ट मैरिज कराने पहुंचा था। युवक का नाम राकिन खान बताया जा रहा है, जो अपनी हिंदू गर्लफ्रेंड के साथ शादी के लिए रीवा आया था। लेकिन कुछ वकीलों को यह रिश्ता रास नहीं आया। जैसे ही उन्होंने लड़की की पहचान पत्र देखा, उन्होंने तुरंत अपने साथियों को बुलाया और युवक पर लव जिहाद का आरोप लगाते हुए उस पर हमला कर दिया।

कोर्ट में मची अफरा-तफरी

यह घटना कोर्ट परिसर में हुई, जहां शादी कराने आए जोड़े को अचानक कुछ वकीलों ने घेर लिया। जब लड़की की आईडी देखी गई, तो पता चला कि वह हिंदू है, लेकिन उसने बुर्का पहन रखा था। इसके बाद वकीलों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने आरोप लगाया कि युवक जबरदस्ती लड़की को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा है। देखते ही देखते मामला गर्मा गया और वकीलों ने राकिन को पीटना शुरू कर दिया। उसे इतना मारा गया कि वह अधमरा हो गया।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। जब वकीलों ने राकिन को बेरहमी से पीटना शुरू किया, तब पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया। पुलिसकर्मियों के आने तक युवक की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। आखिरकार, पुलिस दोनों को अपने साथ ले गई और मामले की जांच शुरू कर दी।

प्रेमिका के परिवार का रुख

इस पूरे मामले में लड़की के परिवार का क्या रुख है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि, लड़की के गर्भवती होने की खबर ने इस घटना को और भी संवेदनशील बना दिया है। अगर लड़की पहले से ही युवक के साथ थी और अपनी मर्जी से शादी करने आई थी, तो फिर इस तरह की हिंसा का क्या मतलब?

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अब आगे क्या होगा

इस घटना के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ गया है कि वह निष्पक्ष जांच करे। अगर युवक ने कुछ गलत किया है, तो कानून उसे सजा दे, लेकिन अगर वह और लड़की दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते थे, तो फिर वकीलों द्वारा की गई यह हिंसा गैरकानूनी थी।इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव बढ़ाने का काम करती हैं। कानून को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत न करे। अदालतें न्याय के लिए होती हैं, न कि किसी को सजा देने के लिए।

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