नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश में कुछ दिन के बाद उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान होना है। ऐसे में सभी की नजरें पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर टिकीं। सोशल मीडिया पर कई नाम इस रेस में बताए जा रहे हैं। इन्हीं एक नामों से राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधारा राजे का भी है। उनकी दो तस्वीरें सामने आई हैं। एक में वसुंधरा पीएम मोदी के साथ तो दूसरी फोटो में वह अमित शाह के साथ दिख रही हैं। ऐसे में अटकलों का बाजार गर्म है। चर्चा है कि बीजेपी वसुंधरा राजे को उपराष्ट्रपति बना सकती है।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने देश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इन मुलाकातों को राजस्थान की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों, मंत्रिमंडल विस्तार, जाट समुदाय को साधने की रणनीति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पैदा हुए राजनीतिक शून्य को भरने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम नरेंद मोदी और गृहमंत्री के साथ हुई मुलाकातों को न केवल राजस्थान बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय जनता पार्टी की रणनीति को लेकर चर्चाओं को हवा दी है। इतना ही नहीं वसुंधरा के बाद सीएम भजनलाल भी पीएम मोदी से मिले। जिसके बाद लोग सोशल मीडिया में लिख रहे हैं कुछ तो बड़ा होने वाला है।
बीते सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात राजस्थान की राजनीति में उनकी स्थिति और प्रभाव को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। वसुंधरा, जो दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, बीजेपी में एक प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं। उनकी जाट समुदाय पर मजबूत पकड़ है, और पार्टी उनके अनुभव का लाभ उठाना चाहती है। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में वसुंधरा ने अपने समर्थकों को सरकार और संगठन में उचित स्थान देने की मांग रखी। वसुंधरा राजे पिछले डेढ़ साल से अपने गुट के नेताओं को मंत्रिमंडल और संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दिलाने की कोशिश कर रही हैं। 2023 में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उनके समर्थकों में कुछ असंतोष देखा गया था। ऐसे में उनकी यह मुलाकात पार्टी नेतृत्व के साथ समन्वय स्थापित करने और अपने समर्थकों के लिए जगह सुनिश्चित करने की दिशा में देखी जा रही है।
इन मुलाकातों को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया इस्तीफे से जोड़कर भी देखा जा रहा है। धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं, उनके इस्तीफे ने राजस्थान में बीजेपी के लिए एक राजनीतिक शून्य पैदा किया है। जाट समुदाय राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक प्रभावशाली वोट बैंक है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद बीजेपी के सामने जाट समुदाय को साधने की चुनौती है। ऐसे में वसुंधरा को साधना बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है, खासकर तब जब पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी कर रही है। वसुंधरा का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में रहा है। पीएम मोदी और गृहमंत्री से मुलाकात के बाद उनकी स्थिति और मजबूत होती दिख रही है। सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी वसुंधरा राजे को बड़ी चेयर दे सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी उन्हें देश का उपराष्ट्रपति बना सकती है।
इसके अलावा राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि भजनलाल शर्मा की सरकार में जल्द ही नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जिसमें वसुंधरा समर्थकों को भी स्थान मिल सकता है। इसके अलावा, बोर्ड और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। बीजेपी संगठन में भी नई सूची जारी होने की संभावना है, जिसमें सभी गुटों को संतुलित करने की कोशिश की जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से एक या दो वरिष्ठ अधिकारी राजस्थान की प्रगति का आकलन करने के लिए भेजे जा सकते हैं। इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्रियों के दौरे और मीडिया में सकारात्मक खबरें भी इस रणनीति का हिस्सा हो सकती हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी राजस्थान के नेताओं को अतिरिक्त जिम्मेदारियां सौंप सकती है। बताया जा रहा है कि हाल ही में हुए झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे की भी पुरी रिपोर्ट पीएम को दी गई है।
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे को राजस्थान में एक सर्वमान्य नेता माना जाता है। उनकी जाट समुदाय पर मजबूत पकड़ और लंबा राजनीतिक अनुभव उन्हें पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान देता है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद पार्टी उनके अनुभव का लाभ उठाकर जाट समुदाय को साधने की कोशिश कर रही है। यदि उपराष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान से किसी नेता का चयन होता है, तो वसुंधरा की राय को महत्व दिया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि अगर वसुंधरा को उपराष्ट्रपति नहीं बनाया जाता तो उन्हें केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है। साथ ही राजस्थान सरकार में उनके करीबी नेताओं को भी जगह मिल सकती है। इन्हीं चर्चाओं के लिए वसुंधरा के बाद सीएम भजनलाल को भी दिल्ली बुलाया गया। वसुंधरा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी भजनलाल से भी मिले। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान में डबल इंजन सरकार के तहत चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। मुलाकात के बाद भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और निरंतर सहयोग से राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। सीएम ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में हमारी सरकार ने सभी बाधाओं को पार करते हुए प्रदेश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है। उन्होंने बताया कि डबल इंजन सरकार किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि मोदी ने राजस्थान को भविष्य में और अधिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है। इस मुलाकात में झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे पर भी चर्चा हुई, जिस पर प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त की थी।