Samsung tax penalty in India भारत सरकार ने दक्षिण कोरियाई टेक कंपनी सैमसंग और उसके भारतीय अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर (करीब 5000 करोड़ रुपए) का बकाया टैक्स और जुर्माना चुकाने का आदेश दिया है।
सरकार का आरोप है कि सैमसंग ने टेलीकॉम उपकरणों के आयात में गलत जानकारी देकर टैक्स से बचने की कोशिश की। यह मामला 2018 से 2021 के बीच का है, जब सैमसंग ने ‘रिमोट रेडियो हेड’ नामक उपकरण को बिना टैक्स चुकाए भारत लाया था।
क्यों लगा सैमसंग पर जुर्माना
सैमसंग ने 2018 से 2021 के बीच कोरिया और वियतनाम से यह टेलीकॉम उपकरण आयात किया था। भारतीय कस्टम अधिकारियों का कहना है कि यह उपकरण मोबाइल टावरों में ट्रांसमिशन के लिए इस्तेमाल होता है, जिस पर 10% से 20% आयात शुल्क लगाया जाना चाहिए था।
लेकिन सैमसंग ने इसे ड्यूटी-फ्री श्रेणी में दिखाया और करीब 784 मिलियन डॉलर (लगभग 6500 करोड़ रुपए) के उपकरण बिना टैक्स चुकाए भारत में मंगवा लिए।
सरकार का आरोप क्या है
India government ने 8 जनवरी 2024 को इस मामले में टैक्स ऑर्डर जारी किया। कस्टम्स कमिश्नर सोनल बजाज के अनुसार, सैमसंग ने जानबूझकर गलत दस्तावेज दिए और भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया।
सरकार का कहना है कि सैमसंग ने इस तरीके से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया और अनैतिक व्यापारिक रणनीतियों का सहारा लिया।
कितना टैक्स और जुर्माना भरना होगा
सरकार ने सैमसंग पर कुल 601 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है, जिसमें
520 मिलियन डॉलर (करीब 44.6 अरब रुपए) का बकाया टैक्स शामिल है।
100% की पेनल्टी भी लगाई गई है।
इसके अलावा, सैमसंग इंडिया के 7 अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर (करीब 670 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है।
किन अधिकारियों पर लगा जुर्माना
सरकार ने सैमसंग इंडिया के इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है
संग बीम होंग – (Samsung Network Division VP)
डोंग वोन चू – (Chief Financial Officer)
शीतल जैन – (General Manager, Finance)
निखिल अग्रवाल – (General Manager, Indirect Taxes)
सैमसंग की प्रतिक्रिया क्या है
सैमसंग ने इस आरोप को लेकर सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि यह मामला टेलीकॉम उपकरणों के वर्गीकरण से जुड़ा है और वह भारतीय कानूनों का पालन करती है।
सैमसंग ने यह भी कहा कि वह इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।
भारत में विदेशी कंपनियों पर बढ़ रही सख्ती
India government अब विदेशी कंपनियों की टैक्स चोरी पर सख्त हो रही है। हाल ही में फॉक्सवैगन पर भी 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11,600 करोड़ रुपए) का आयात कर विवाद चल रहा है।
इस तरह के मामलों से यह साफ हो गया है कि भारत सरकार अब विदेशी कंपनियों के टैक्स से बचने के तरीकों पर सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। आने वाले समय में विदेशी कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।