Sarvottam Yudh Seva Medal: स्वतंत्रता दिवस 2025 से ठीक एक दिन पहले, भारतीय वायुसेना के चार अफसरों को देश का सर्वोच्च युद्धकालीन विशिष्ट सेवा सम्मान‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’देने का फैसला हुआ है। यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर में दिखाए गए अद्वितीय साहस और योगदान के लिए दिया जा रहा है। सम्मान पाने वालों में वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नरनादेश्वर तिवारी, वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा और डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश भारती शामिल हैं।
‘सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक’ का महत्व
यह पदक आखिरी बार कारगिल युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना को मिला था। इसे युद्ध के समय असाधारण सेवा के लिए दिया जाता है और यह परम विशिष्ट सेवा पदक के बराबर माना जाता है। इस साल सिर्फ वायुसेना ही नहीं, बल्कि दो सेना (आर्मी) के अफसर और एक नौसेना (नेवी) के अधिकारी को भी 15 अगस्त को यह सम्मान मिलेगा।
वीर चक्र से नवाजे गए जांबाज
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर में आतंकी ठिकानों व सैन्य संपत्तियों पर सटीक हमले करने वाले 9 वायुसेना अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। यह पदक युद्धकाल में वीरता का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है।
युद्ध सेवा पदक पाने वाले अधिकारी
भारतीय वायुसेना के 13 अफसरों को युद्ध सेवा पदक दिया गया है। इनमें एयर वाइस मार्शल जोसेफ सुआरेस, एवीएम प्रजुअल सिंह और एयर कमोडोर अशोक राज ठाकुर जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने दुश्मन पर हमले करने और भारत के हवाई क्षेत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई।
वायुसेना पदक (वीरता) से सम्मान
इस स्वतंत्रता दिवस पर 26 वायुसेना अधिकारियों और जवानों को वायुसेना पदक (वीरता) से भी नवाजा जाएगा। इनमें वे पायलट शामिल हैं जिन्होंने पाकिस्तान के अंदर जाकर मिशन पूरे किए, साथ ही वे सैनिक जिन्होंने S-400 और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों को ऑपरेट कर दुश्मन के हर हमले को नाकाम किया।
ऑपरेशन सिंदूर, दुश्मन को दिया करारा जवाब
यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच चला था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। उस हमले में 26 पर्यटक, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी था, की मौत हो गई थी। ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी और सैन्य ठिकानों को ध्वस्त किया गया।
बीएसएफ के जांबाज भी सम्मानित
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 16 बहादुर जवानों को भी वीरता पदक दिया जा रहा है। इनमें एक उप कमांडेंट, दो सहायक कमांडेंट और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। इन जवानों ने कठिन हालात में भी अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा की।