क्यों सारे shopping malls में नहीं होती खिड़कियाँ,क्या है इसके पीछे की marketing strategy.

आजकल लोग मॉल में घूमने और खरीददारी करने अक्सर जाते हैं। लेकिन क्या आपने महसूस किया है कि मॉल में घुसने के बाद समय का पता ही नहीं चलता? दिन में मॉल में जाते हैं और जब बाहर निकलते हैं तो शाम हो चुकी होती है। आखिर ऐसा क्यों होता है?

Shopping Malls:आपने देखा होगा कि मॉल में कोई खिड़की नहीं होती असल में अंदर की रोशनी और माहौल ,ग्राहकों को रुकने और खरीदने के लिए प्रेरित करता है। मॉल की इमारतों में खिड़कियां न होने के पीछे एक खास वजह है। जब अमेरिका में मॉल का चलन शुरू हुआ, तब से इन्हें खिड़कियों के बिना बनाने का चलन शुरू हो गया। मॉल की डिजाइन ऐसी होती है कि वहां समय का एहसास न हो। और बाहर का नज़ारा न दिखने के कारण लोग समय को भूल जाते हैं। अंदर की रोशनी और चहल-पहल देखकर लगता है कि अभी दिन ही है, चाहे असल में शाम क्यों न हो। इससे लोग मॉल में ज्यादा समय बिताते हैं और ज्यादा खरीददारी करते हैं।

ज्यादा जगह, ज्यादा सामान

खिड़कियां न होने का एक और फायदा है इससे दीवारों का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है और दीवारों पर ज्यादा शेल्फ लगाए जा सकते हैं, जिससे दुकानों में ज्यादा सामान रखा जा सके। इस वजह से ग्राहकों को ज्यादा विकल्प मिलते हैं और मॉल में बिक्री भी बढ़ती है।

बिजली का खर्च होता है कम

खिड़कियां न होने से मॉल की इमारत ठंडी या गर्म रखने में आसानी होती है। इससे बिजली का खर्च भी कम हो जाता है। मॉल में खासतौर पर ऐसी रोशनी और सजावट की जाती है कि अंदर जाने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाएं। हल्का म्यूजिक और पौधों से माहौल को और भी सुकूनभरा बनाया जाता है। इन चीज़ों से ग्राहक निश्चिंत होकर ज्यादा समय तक मॉल में रुकते हैं।

खरीददारी के लिए अनुकूल माहौल

मॉल की डिजाइन का पूरा मकसद यही है कि ग्राहक ज्यादा देर तक अंदर रुकें। जब उन्हें समय का अंदाजा ही नहीं होगा, तो वे आराम से खरीददारी करेंगे। हर चीज को ऐसा बनाया गया है कि लोग वहां से जल्दी बाहर न निकलें।

अगली बार आप जब भी मॉल जाएं, तो ध्यान दीजिए कि कैसे हर चीज आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन की गई है।

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