नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। BLA की मजीद फिदायीन ब्रिगेड ने pakistan में यात्री TREAN को hijack कर लिया और सुरंग के अंदर खड़ा कर उसे बंधक बना लिया। PAK मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पैसेंजर ट्रेन पर 450 से अधिक यात्री सवार थे, जिसमें सेना के जवान, ISI के एजेंटों के अलावा पुलिसबल के अफसर शामिल हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लड़ाकों ने 100 से ज्यादा PAK सैनिकों की हत्या कर दी है और अभी 150 को बंधक बनाया हुआ है। BLA के इस ऑपरेशन को मजीद फिदायीन ब्रिगेड के अलावा zirab unit ने अंजाम दिया है। zirab बिंग एक खूफिया एजेंसी है, जो ISI से भी ज्यादा खूंखार है। इसमें 15 से लेकर 30 साल की युवतियां शामिल हैं। ये लेडी एजेंट PAK आर्मी पर नजर रखती हैं और BLA को जानकारी मुहैया कराती हैं।
क्या है जीरब युनिट
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के पास गए जीरब बिंग नाम की फोर्स है। यह संगठन खुफिया जानकारी जुटाने, जासूसी करने और लक्षित हत्याओं को अंजाम देने में विशेषज्ञ है। जीरब बिंग के कमांडर का नाम बशीर जेब बलूच है। जीरब बिंग आईएसआई, पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और उनके स्थानीय सहयोगियों का पता लगाने और उनकी हत्या करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। जीरब बिंग का मुख्य कार्य उच्च-मूल्य (हाई वैल्यू) वाले लक्ष्यों को सफाई से खत्म करना और पाकिस्तान की सैन्य योजनाओं को विफल करना है। जीरब बिंग में करीब 10 एजेंट हैं। एजेंटों में महिलाओं की संख्या करीब 25 से 30 फीसदी हैं। ये महिलाएं फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने में माहिर होती हैं। इन्हें दूसरी अन्य भाषाओं का ज्ञान होता है। जीरब बिंग के एजेंटों की ट्रेनिंग भी लड़ाकों की तरह होती है और पकड़े जाने से पहले यूनिट के एजेंट खुद को मार देते हैं।
ऐसे जीरब ने तैयार किया ऑपरेशन ट्रेन
बीएलए का दावा है कि बलूचिस्तान के शहरों में कथित तौर पर जिराब की गुप्त शाखाएं स्थापित की गई हैं। बीएलए ने दावा किया है कि इसके सदस्यों ने सफलतापूर्वक दुश्मन के ठिकानों में घुसपैठ की है और वे कहीं भी हमले को अंजाम दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जीरब बिंग के एक दर्जन महिला एजेंटों के अलावा पुरूष एजेंटों ने पाकिस्तान ट्रेन हाईजेक का प्लान बनाया था। पंद्रह दिनों पहले जीरब बिंग के एजेंटों ने ऐसी खबर पाक फौज तक पहुंचाई की बीएलए क्वेटा में बड़ा हमला करने वाले है। रेलवे स्टेशन से लेकर सीएम आवास और कई अन्य प्रतिष्ठानों पर फिदायिन अटैक करने जा रहा है। जिसके चलते पाकिस्तान सेना ने क्वेटा में ऑपरेशन शुरू किया। बलुस्तान के कई शहरों से पाक जवानों को क्वेटा में बुलाया गया। आईएसआई के बड़े अधिकारियों ने क्वेटा में ढेरा जमाया। ज जीरब बिंग के एजेंट पाक पर नजर बनाए हुए थे और बीएलए के कमांडर्स को हर बात की जानकारी मुहैया करा रहे थे।
फिर ऐसे ट्रेन को किया हाईजेक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब क्वेटा से ट्रेन चली तो जीरब बिंग की महिला एजेंट भी उसमें सवार हुई। किस कोच पर कौन सवार है, इसकी जांच की और बीएलए के ऑपरेशन कमांडर को इनपुट दिया। बीएलए के लड़कों को ट्रेन में सवार पाक आर्मी के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी थी। उनके पास कौन-कौन से हथियार हैं और अगर एनकाउंटर हुआ तो बीएलए कैसे मुकाबला करेगा इसकी रणनीति पहले से बना ली गई। इसी के बाद बीएलए के लड़ाकों ने ब्लास्ट के जरिए ट्रेन को रोका। ट्रेन को टनल नंबर 8 में रोका गया। गाड़ी जैसे ही सुरंग में रुकी, बलोच आर्मी के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया गया। यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है। विद्रोहियों ने अंधेरे में भागने की कोशिश करने के लिए छोटे-छोटे समूह बनाए हैं।
48 घंटे का अल्टीमेटम
बीएलए ने बंधकों के बदले बलूच कैदियों को छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। एक्स हैंडल पर बुधवार रात जारी बयान में बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने दावा किया कि दो दिनों में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के 100 जवान मारे गए। बंधक बनाए गए 50 जवानों को बुधवार और 10 जवानों को मंगलवार को मारा गया। जबकि सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के 40 और बीएलए के तीन सैनिक मारे गए। अभी भी 150 बंधक कब्जे में हैं। अब अंतिम चेतावनी है कि फिर से सैन्य हमला होने पर सभी बंधकों को तुरंत मार दिया जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान के पास केवल 14 से 15 घंटे बचे हैं। बीएलए की तरफ से कहा गया है कि अगर पाक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती। अगर पाक आर्मी ऑपरेशन शुरू करती है तो बंधक सभी लोगों को मार दिया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी पाक आर्मी की होगी।
पाक का आया बयान
पाक आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ ने बताया कि 11 मार्च को दोपहर करीब एक बजे विद्रोहियों ने ओसीपुर के बोलन दर्रे इलाके में रेलवे पटरी पर धमाका किया और जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में सवार सभी यात्रियों को बंधक बना लिया। उन्होंने कहा, सेना, वायुसेना, फ्रंटियर कोर और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के कमांडो की भागीदारी के साथ बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान, विद्रोही सैटेलाइट फोन के माध्यम से अफगानिस्तान में अपने मददगारों और आकाओं के संपर्क में रहे, जिससे उनके विदेशी गठजोड़ का पता चलता है। बोलन के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर ने मीडिया को बताया कि हाईजैक हुई ट्रेन इस समय बोलन दर्रे में खड़ी है। यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है, जिस वजह से मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।