केवल आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते…बुलडोजर एक्शन पर Supreme Court का सख्त रवैया

Supreme Court : अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि कानून के राज का पालन होना चाहिए और केवल आरोपी होने की वजह से किसी भी व्यक्ति का घर गिराना उचित नहीं है।

Supreme Court : बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सरकार और अधिकारियों के मनमाने रवैये पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि कानून के राज का पालन होना चाहिए और केवल आरोपी होने की वजह से किसी भी व्यक्ति का घर गिराना उचित नहीं है।

Supreme Court ने क्या कहा

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “केवल आरोपी होने के आधार पर किसी के आवास को नष्ट करना कानून का उल्लंघन है। यह न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है, और इस तरह की कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को कानूनी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।”

अदालत ने यह भी कहा कि अधिकारियों को उनकी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। बुलडोजर एक्शन का उद्देश्य यदि सिर्फ अपराधियों पर दबाव बनाना है, तो यह न्याय प्रक्रिया की गरिमा के खिलाफ है। न्यायाधीशों ने कहा कि अधिकारियों और सरकार का यह मनमाना रवैया अस्वीकार्य है।

कानून का पालन 

Supreme Court ने यह भी कहा कि भारत में कानून का शासन स्थापित होना चाहिए और सरकार को किसी भी कदम से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। अदालत ने कहा, “देश में कानून का राज होना चाहिए और हर नागरिक का अधिकार है कि वह बिना किसी भय के अपने घर में रह सके। बिना किसी उचित कारण और कानूनी प्रक्रिया के किसी का घर नहीं गिराया जा सकता।”

मनमानी कार्रवाई के खिलाफ सख्त रुख

अदालत ने अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी कि इस प्रकार की मनमानी कार्रवाई जनता में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती है, जो कि लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि बुलडोजर एक्शन सिर्फ कानून के दायरे में रहकर ही किया जा सकता है।

सरकार और प्रशासन को सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन और राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया है कि वे इस प्रकार की कार्रवाई करने से पहले संबंधित मामलों की गहन जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी निर्दोष व्यक्ति को इसका शिकार न बनाया जाए। अदालत ने कहा, “सिर्फ आरोप लगने पर बिना साक्ष्य और बिना जांच किए घरों को गिराने का अधिकार किसी के पास नहीं होना चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, विभिन्न राज्यों में चल रही बुलडोजर कार्रवाईयों पर नए सिरे से नजर रखी जाएगी। इस फैसले से यह भी सुनिश्चित होगा कि सरकारें इस तरह के कदम उठाते समय न्यायिक प्रक्रिया और संविधान के सिद्धांतों का पालन करें।

 

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