Tata Motors : रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि स्नेह, विश्वास और सुरक्षा की भावना का उत्सव है। टाटा मोटर्स में यह भावना फैक्ट्री की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वहां से निकलकर देश की सड़कों और राजमार्गों तक पहुंचती है — जहां हमारे ट्रक ड्राइवर, ये गुमनाम नायक, देश की अर्थव्यवस्था को निरंतर गतिमान बनाए रखते हैं।
ट्रक ड्राइवरों के लिए बहनों का विशेष उपहार
इस वर्ष टाटा मोटर्स ने टीवी9 नेटवर्क के सहयोग से एक विशेष रक्षाबंधन पहल की शुरुआत की। जमशेदपुर स्थित टाटा मोटर्स प्लांट की महिला कर्मचारियों की ‘दुर्गा लाइन’—जो भारत के सबसे सुरक्षित ट्रकों के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं—ने नवी मुंबई के कलंबोली ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रक चालकों के लिए अपने हाथों से राखियां तैयार कीं।
इन महिलाओं के लिए हर ट्रक ड्राइवर केवल एक ग्राहक नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा है। हर राखी सिर्फ धागों का मेल नहीं थी, बल्कि उसमें छिपा था एक भावनात्मक संदेश—”हम आपकी परवाह करते हैं।” ये राखियां उन ड्राइवरों के लिए थीं, जो दिन-रात देश को जोड़ने में लगे रहते हैं।
सुरक्षा का संदेश जो दिल तक पहुँचा
हर राखी के साथ एक व्यक्तिगत संदेश भी दिया गया, जिसमें टाटा मोटर्स की इस सोच को दर्शाया गया कि उनकी सुरक्षा संबंधी प्रतिबद्धता केवल तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें मानवीय संवेदना भी जुड़ी है। दुर्गा लाइन की महिलाएं जिन ट्रकों को बनाती हैं, वे उन्नत सक्रिय और निष्क्रिय सुरक्षा तकनीकों से लैस होते हैं, जो न केवल माल की, बल्कि चालकों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस बार की राखियां इसी दृष्टिकोण का एक भावपूर्ण प्रतीक बनीं।
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कलंबोली में जब ये राखियां ट्रक चालकों की कलाई पर बांधी गईं, तो माहौल भावनाओं से भर उठा। ड्राइवरों के चेहरों पर मुस्कान थी और आंखों में अपनापन। उनके लिए यह एक सशक्त संदेश था कि कोई दूर बैठकर न केवल उनके बारे में सोचता है, बल्कि उनकी सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता मानता है।