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सोयाबीन तेल के दाम की बढ़ोतरी से हिल रहा है बजट, स्थिति सुधरने में लगेगा काफी समय

Brajesh Srivastava by Brajesh Srivastava
March 14, 2022
in दिल्ली, राष्ट्रीय
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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से सूरजमुखी तेल की पूर्ति नहीं हो पा रही है। दोनों ही देशो से भारी मात्रा में सूरजमुखी तेल लिया जाता है। दोनों देशो में जंग छिड़ने के कारण सूरजमुखी की खेती पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जो कि लम्बे समय के लिए ही परेशानी का कारण बना रहेगा। विश्लेषकों के मुताबिक जंग ख़तम होने के बाद भी स्थिति सुधरने में काफी समय लग जाएगा, जिस वजह से तेल की पूर्ति नहीं हो पाएगी। सूरजमुखी तेल की किल्लत और पाम ऑयल की कीमतों में तेजी आ जाने से सोयाबीन तेल पर काफी असर पड़ा है। इसके दाम अब तक दस फीसदी बढ़ चुके हैं।

इसी के साथ पाम आयल को बहुत ही फायदा रहेगा। भारत में खाद तेल का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है। सूरजमुखी तेल की पूर्ति न होने के कारण पाम आयल की मांग बढ़ जाएगी। भारत 25 लाख टन से अधिक सूरजमुखी तेल का आयात करता है, लेकिन जंग के करण तेल की पूर्ति नहीं हो पारी है जिस कारण पाम आयल की कीमते आसमान छू रही है।

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सूरजमुखी तेल के लिए यूरोप और अर्जेंटीना पर निर्भर नहीं हुआ जा सकता क्योंकि इन देशो में तेल की खपत बहुत अधिक है। भारत में भी सूरजमुखी तेल की खपत बहुत अधिक है। इंडानेशिया पाम ऑयल का सबसे बड़ा उत्पादक है और उसके बाद दूसरे स्थान पर मलेशिया है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिये बहुत उपाय किये हैं लेकिन इसका कोई असर बाजार पर नही दिख रहा है।

अर्जेंटीना से तेल खरीदने की संभावना बहुत कम है क्योंकि उनकी लगत बहुत अधिक है व उत्पादन बहुत कम जिस कारण उनकी कीमत भी बहुत अधिक है। भारत का खानपान काफी अलग है, जिस तेल की कीमत कम होती है लोग उसी पर निर्भर हो जाते है। इसीलिये अब पाम आयल और सोयाबीन आयल का इस्तेमाल पढ़ जाएग। इसी के साथ इस बार सरसों की अच्छी फसल की भी उम्मीद हैं जिससे कीमतों में ज़्याद उछाल नहीं आएगा। सरसो की कटाई अभी चल रही है और कुछ दिनों में सरसो का तेल बाजार में आ जाएगा जो की अन्य तेलों की कीमतों पर लगाम लगाएगा।

गोदरेज इंटरनेशल के निर्देशक दोराब ई मिस्त्री ने एक कार्यक्रम में बताया कि ऊर्जा की ऊंची कीमतों की वजह से पूरे साल कीमतें बढ़ी ही रहेंगी। वैश्विक आर्थिकी की रफ़्तार धीमी होने का असर पाम ऑयल समेत कमोडिटी की कीमतों पर पड़ेगा। हालांकि, मांग की भारी कमी की वजह से इस साल के बीच तक कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है।

(ऋषभ गोयल)

Tags: icrease in price of soyabean oilpalm oil prices increasedsunflower oil prices increased
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