Tirupati Laddu adulteration case : तिरुपति मंदिर के मशहूर लड्डू में मिलावट को लेकर सीबीआई (CBI) की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी घी की सप्लाई में गड़बड़ी के आरोपी हैं। SIT की जांच में पता चला कि लड्डू बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल किया गया, उसमें मिलावट की गई थी। इन चारों आरोपियों को तिरुपति कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कौन-कौन गिरफ्तार हुआ
CBI की जांच के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें रुड़की के भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक बिपिन जैन, पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के सीईओ अपूर्व विनय कांत चावड़ा और एआर डेयरी के एमडी राजू राजशेखरन का नाम शामिल है। जांच में सामने आया कि इन कंपनियों ने मिलकर टेंडर हासिल किया और मिलावटी घी सप्लाई किया।
कैसे हुआ घोटाला
CBI को जांच में पता चला कि वैष्णवी डेयरी ने एआर डेयरी के नाम पर टेंडर लिया था। इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज और नकली मुहरें बनाईं। वैष्णवी डेयरी ने दावा किया कि उसने रुड़की में भोले बाबा डेयरी से घी खरीदा था, लेकिन जांच में पता चला कि उसके पास इतनी मात्रा में घी की आपूर्ति करने की क्षमता ही नहीं थी।
घी की सप्लाई में अनियमितताएं
CBI की टीम को जांच में गंभीर अनियमितताएं मिलीं। तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी की गुणवत्ता पर सवाल उठे। SIT को कई स्तर पर गड़बड़ियां मिलीं, जिससे यह साफ हो गया कि भक्तों को जो प्रसाद दिया जा रहा था, वह शुद्ध नहीं था।
तिरुपति कोर्ट में पेश होंगे आरोपी
सूत्रों के मुताबिक, इन चारों आरोपियों को आज 10 febuary सोमवार को तिरुपति कोर्ट में पेश किया जाएगा। SIT की टीम और CBI के संयुक्त निदेशक वीरेश प्रभु भी कोर्ट में मौजूद रह सकते हैं, क्योंकि वह इस जांच की निगरानी कर रहे हैं।
SIT का गठन क्यों हुआ
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस घोटाले की जांच की मांग की। 4 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि CBI के नेतृत्व में पांच सदस्यीय SIT बनाई जाए। इस टीम में CBI के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक अधिकारी शामिल किया गया।
कैसे शुरू हुई जांच
CBI ने इस मामले की जांच पिछले साल शुरू की थी। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को रोजाना 15,000 किलो गाय के घी की जरूरत होती है। इस सप्लाई के लिए तमिलनाडु की एआर फूड्स को 320 रुपये प्रति किलो की दर से टेंडर मिला।
8 जुलाई को घी के आठ टैंकर तिरुपति पहुंचे। इनमें से चार टैंकरों को लैब टेस्ट के लिए भेजा गया। 17 जुलाई को आई रिपोर्ट में घी में मिलावट की पुष्टि हुई।
इस मामले में राजनीति भी गर्माई
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल सितंबर में दावा किया था कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई और CBI ने मामले की जांच शुरू की।
अब जब चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, तो देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। भक्तों की आस्था से जुड़ा यह मामला अब कानूनी लड़ाई में बदल चुका है।