Indo-Pak ceasefire: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की बात को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। सोमवार, 19 मई को संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के समक्ष विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष (Indo-Pak) विराम पूरी तरह द्विपक्षीय था, और ट्रंप महज सुर्खियों में बने रहने के लिए बीच में कूद पड़े थे। इसके अलावा, मिस्री ने पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े गंभीर खुलासे करते हुए बताया कि इसका संचालन सीधे पाकिस्तान से हुआ और भारत के पास इसके पक्के सबूत हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी दी और बताया कि इसमें भारत की प्रतिक्रिया पूर्णतः पारंपरिक थी और किसी परमाणु खतरे की बात नहीं थी।
पाकिस्तान की भूमिका को लेकर ठोस सबूत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने समिति को बताया कि पहलगाम आतंकी हमला सीमापार से संचालित किया गया। इसमें शामिल आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे अपने मास्टरमाइंड्स के सीधे संपर्क में थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान अब भी आतंकियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है, और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी खुलेआम पाकिस्तान की जमीन से भारत विरोधी हिंसा को अंजाम दे रहे हैं।
सेना, खुफिया और सिविल प्रशासन का गठजोड़
मिस्री ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों और उसके सैन्य खुफिया एजेंसियों के बीच “संस्थागत गठजोड़” की बात रखी। उन्होंने समिति को बताया कि भारत के पास केवल कहानियां नहीं, बल्कि सबूत हैं जो इस गठजोड़ की पुष्टि करते हैं। भारत ने इस बात को पूरी तरह नकारा कि जम्मू-कश्मीर (Indo-Pak) मामलों में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका हो सकती है। उन्होंने भारत की संप्रभुता को सर्वोपरि बताया।
ऑपरेशन सिंदूर: परमाणु खतरा नहीं
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने 6-7 मई को नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया। विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि इस दौरान पाकिस्तान के किसी परमाणु ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और न ही पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु प्रतिक्रिया का संकेत मिला। यह पूरी तरह पारंपरिक सैन्य कार्रवाई थी।
ट्रंप का दावा झूठा, भारत ने खुद लिया फैसला
विदेश सचिव ने ट्रंप के सोशल मीडिया दावे को “बेबुनियाद” बताया। उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम (Indo-Pak) किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि भारत और पाकिस्तान के आपसी निर्णय से हुआ था। समिति के अध्यक्ष शशि थरूर समेत सभी सांसदों ने विदेश सचिव और उनके परिवार पर हो रहे ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा की और सर्वदलीय समर्थन जताया।