Unified Pension Scheme Update: संसद में केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर अहम जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि 30 नवंबर 2025 तक कुल 1,22,123 केंद्रीय कर्मचारियों ने UPS को चुना है। इसमें नए भर्ती कर्मचारी, वर्तमान में सेवा में कार्यरत कर्मचारी और पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारी भी शामिल हैं।
UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया था। शुरुआत में इसे चुनने की आखिरी तारीख 30 जून 2025 तय की गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर पहले 30 सितंबर और फिर 30 नवंबर 2025 कर दिया गया।
NPS में लौटने की वन-टाइम सुविधा
मंत्री ने बताया कि UPS चुनने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को कुछ शर्तों के साथ अपनी नौकरी के दौरान एक बार NPS में वापस जाने की सुविधा दी गई है। यह सुविधा वन-टाइम और एकतरफा होगी। हालांकि, यह सुविधा उन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी जिन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही हो, होने वाली हो, या जिन्हें सजा के तौर पर नौकरी से हटाया गया हो, बर्खास्त किया गया हो या अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया हो।
UPS के तहत सेवा से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विसेज़ (नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।
कितनी पेंशन मिलेगी, क्या हैं शर्तें
पंकज चौधरी ने बताया कि जिन कर्मचारियों की कम से कम 25 साल की योग्य सेवा होगी, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पक्का भुगतान मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी की सेवा अवधि इससे कम है, तो पेंशन राशि उसी अनुपात में तय की जाएगी, लेकिन इसके लिए न्यूनतम 10 साल की सेवा जरूरी होगी।
इसके अलावा, 10 साल की न्यूनतम सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को सुपरएनुएशन के बाद हर महीने कम से कम 10,000 रुपये की सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
फैमिली पेंशन के नियम
UPS के तहत फैमिली पेंशन की व्यवस्था भी साफ की गई है। पेंशन धारक की मृत्यु के बाद, कानूनी रूप से शादीशुदा जीवनसाथी को कुल पेंशन का 60 प्रतिशत दिया जाएगा। हालांकि, बच्चों को UPS के तहत यह सुनिश्चित फैमिली पेंशन नहीं मिलेगी।
एजुकेशन लोन और बैंकों की स्थिति
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों का ग्रॉस एनपीए 2020-21 में 7 प्रतिशत था, जो 2024-25 में घटकर 2 प्रतिशत रह गया है। इससे एजुकेशन लोन की गुणवत्ता में सुधार दिखा है।
उन्होंने बताया कि RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंक अपनी बोर्ड-अप्रूव्ड लोन पॉलिसी के तहत क्रेडिट से जुड़े फैसले लेते हैं।
PM विद्यालक्ष्मी स्कीम से छात्रों को राहत
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना 6 नवंबर 2024 को शुरू की गई थी। इस योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पैसों की कमी किसी भी होनहार छात्र को उच्च शिक्षा से न रोके। इस योजना के तहत देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला पाने वाले योग्य छात्रों को बिना किसी गारंटी और गारंटर के आसान और पारदर्शी तरीके से एजुकेशन लोन दिया जाता है।
