UPI transactions in March 2025 यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए होने वाले लेन-देन में मार्च 2025 में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में कुल UPI ट्रांजेक्शन 24.77 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो फरवरी की तुलना में 12.7% ज्यादा है। फरवरी में यह आंकड़ा 21.96 लाख करोड़ रुपये था।
डिजिटल पेमेंट में तेज़ी से बढ़ोतरी
NPCI के अनुसार, पिछले साल मार्च में UPI के जरिए 19.78 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। इस साल की तुलना में इसमें 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि देश में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है और लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं। मार्च 2025 में UPI के जरिए रिकॉर्ड 24.8 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। यह भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति की तेज़ रफ्तार को दर्शाता है।
डेली ट्रांजेक्शन का नया स्तर
मार्च में रोजाना औसतन 79,903 करोड़ रुपये का UPI ट्रांजेक्शन हुआ, जो फरवरी से 1.9% ज्यादा है। वॉल्यूम के हिसाब से देखा जाए तो इसमें 2.6% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि लोग डिजिटल वित्तीय समाधान को अपनाने में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं और इस पर उनका भरोसा भी बढ़ा है।
NPCI का क्या रोल है
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) एक ऐसी संस्था है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) की पहल पर बनी है। इसका काम देश में रिटेल पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम को सुचारू रूप से चलाना है।
NPCI ने साल 2016 में UPI को लॉन्च किया था और तब से इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, जब लोग डिजिटल पेमेंट को ज्यादा अपनाने लगे। आज, छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारियों तक, हर कोई UPI को इस्तेमाल कर रहा है।
कैशलेस इंडिया की ओर बढ़ते कदम
UPI ने कैश की जरूरत को बड़े स्तर पर कम कर दिया है। अब मेट्रो सिटीज ही नहीं, छोटे शहरों और गांवों में भी लोग डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देने लगे हैं। चाय की दुकानों, किराना स्टोर्स, और यहां तक कि ज्वैलरी शॉप्स तक में UPI स्कैनर देखे जा सकते हैं। ग्राहक आसानी से QR कोड स्कैन करके तुरंत पेमेंट कर सकते हैं, जिससे लेन-देन आसान और तेज़ हो गया है।
भारत में डिजिटल पेमेंट का दायरा तेजी से बढ़ रहा है और UPI इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मार्च 2025 में रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन यह दिखाते हैं कि लोग अब कैशलेस भुगतान को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकार और NPCI की यह पहल देश को डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से ले जा रही है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी NPCI के जारी आंकड़ों पर आधारित है। समय के साथ आंकड़ों में बदलाव संभव है, इसलिए लेन-देन से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जरूर जाएं।