UPI Transactions Rise During Festive Season: त्योहारों के दौरान लोगों की खरीदारी और ऑनलाइन भुगतान में खासा इजाफा देखा गया है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में रोजाना लेनदेन की औसत वैल्यू 94,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, जो सितंबर की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। यह दर्शाता है कि लोग अब नकद लेनदेन की जगह डिजिटल भुगतान को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। चाहे दीपावली की खरीदारी हो, ऑनलाइन ऑफर्स का लाभ लेना हो या रिश्तेदारों को गिफ्ट भेजना हर जगह UPI का उपयोग तेजी से बढ़ा है।
डिजिटल भुगतान बना त्योहारी खरीदारी का जरिया
पहले जहां त्योहारों में भीड़भाड़ वाले बाजारों में कैश से खरीदारी आम बात थी, वहीं अब ज्यादातर लोग मोबाइल ऐप्स और स्कैनर के जरिए पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं।
फेस्टिव ऑफर्स और कैशबैक योजनाओं ने भी UPI के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है। ई-कॉमर्स साइट्स, रिटेल स्टोर्स और छोटे दुकानदारों तक ने डिजिटल पेमेंट को अपनाया, जिससे लेनदेन की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि हुई।
ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ा UPI का उपयोग
दिलचस्प बात यह है कि अब ग्रामीण और छोटे कस्बों में भी डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है। गांवों के बाजारों, किराना दुकानों और यहां तक कि सब्जी विक्रेताओं तक ने QR कोड अपनाना शुरू कर दिया है। इससे यह स्पष्ट है कि भारत का डिजिटल इकोनॉमी ढांचा अब हर स्तर पर मजबूत हो रहा है।
सरकार और NPCI का योगदान
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सरकार की पहलें जैसे “डिजिटल इंडिया” और “कैशलेस ट्रांजेक्शन” मिशन ने इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। UPI के जरिए न केवल भुगतान तेज और सुरक्षित हुआ है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ा रहा है।
त्योहारों के मौसम में UPI लेनदेन का बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि देश तेजी से डिजिटल दिशा में आगे बढ़ रहा है। लोगों का भरोसा अब मोबाइल पेमेंट पर अधिक है, और आने वाले महीनों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
फेस्टिव सीजन ने न केवल बाजारों में रौनक बढ़ाई, बल्कि डिजिटल इंडिया के सपने को भी और मजबूत किया है।जहां हर खरीदारी अब सिर्फ एक “स्कैन” की दूरी पर है।



