Viral Shutter Poster : कल्याण ईस्ट के चक्की नाका इलाके में स्थित एक बेहद साधारण सी दिखने वाली कपड़ों की दुकान इन दिनों इंटरनेट पर सनसनी बनी हुई है। इस दुकान का नाम है ‘एकवीरा मेन्स वियर’, लेकिन इसके कपड़ों या डिजाइन से ज्यादा एक चीज ने लोगों का ध्यान खींचा है जो दुकान के अंदर नहीं, बल्कि शटर पर लिखी है। जी हां, जब दुकान बंद होती है तब शटर पर उभरे मोटे सफेद अक्षरों में लिखा वाक्य लोगों को चौंका देता है—
“सड़क से उठाकर हीरो बना दूंगा, कल सुबह 10 बजे आना।”
सोचिए, भला ऐसा डायलॉग कोई आम कपड़े बेचने वाला क्यों लिखेगा? ये लाइन पढ़ते ही किसी फिल्मी सीन की याद आना लाज़िमी है। जैसे कोई दबंग प्रोड्यूसर गली के लड़के को हीरो बनाने का वादा कर रहा हो। ये महज एक प्रचार नहीं, बल्कि एक ऐसी स्ट्रैटेजी है जो या तो किसी क्रिएटिव जीनियस का काम है या फिर किसी पुराने विलेन का, जिसने अब रिटायरमेंट के बाद दुकानदारी शुरू की है।
बड़ी कंपनियों को चुनौती यह देसी मार्केटिंग
“एकवीरा मेंस वियर” की यह शैली आज की महंगी मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दुनिया को करारा जवाब देती है। जहां बड़े-बड़े ब्रांड्स ग्लैमर से भरे मॉडल्स और चमचमाते होर्डिंग्स पर करोड़ों खर्च करते हैं, वहीं इस दुकान ने सिर्फ एक लाइन से दिल जीत लिया।
“कल सुबह 10 बजे आना” — इस वाक्य में जो आत्मविश्वास है, जो ठाठ है, वह किसी रैंप वॉक या ब्रांड एंबेसडर से नहीं आता। ये लाइन सीधे एक आम इंसान के दिल में उम्मीद का बीज बो देती है — कि शायद कोई है जो उसे भी एक नया अंदाज़ दे सकता है, एक नई पहचान दे सकता है।
इंटरनेट पर मस्ती का माहौल, मीम्स की बहार
इस अनोखे स्टाइल को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और मजेदार प्रतिक्रियाओं की जैसे बाढ़ आ गई है। एक यूजर ने लिखा, “भाई अगर ऐसा दुकानदार मिल जाए तो रणवीर सिंह भी लाइन में लग जाए!”
दूसरे ने चुटकी ली, “मैं तो सड़क पर लेट गया हूं, अब कोई आकर हीरो बना दे!”
तीसरा यूजर कहता है, “ये बंदा दुकानदार नहीं, कोई मार्केटिंग हैकर है।”
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लोगों ने इस सादगी में छुपे जादू को सराहा और सोशल मीडिया पर दुकानदार की सोच और स्टाइल की दिल खोलकर तारीफ की। खास बात यह है कि ये लाइन सिर्फ तब दिखती है जब दुकान बंद होती है — यानी जब बाकी दुकानों में सन्नाटा होता है, तब “एकवीरा मेंस वियर” का प्रचार शुरू होता है।