Vladimir Putin India visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 4 और 5 दिसंबर, 2025 को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली का 27 घंटे का सफल दौरा किया। यूक्रेन संघर्ष (2022) के बाद यह उनका पहला राज्यिक दौरा है, जो अमेरिकी दबावों के बावजूद भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और दोनों देशों की “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” की 25वीं वर्षगांठ को रेखांकित करता है। शिखर सम्मेलन का मुख्य फोकस रक्षा सहयोग (S-400 डिलीवरी, ब्रह्मोस), व्यापार लक्ष्य ($100 बिलियन), ऊर्जा साझेदारी (तेल आयात, परमाणु ऊर्जा), और वैश्विक सुरक्षा पर रहा। पीएम मोदी ने पुतिन का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया और उन्हें रूसी भाषा में भगवद्गीता भेंट की, जिसे पुतिन ने “दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा” बताया। इस दौरे ने भारत-रूस संबंधों को एक नई ऊंचाई प्रदान की है।
राष्ट्रपति Vladimir Putin के दो दिवसीय भारत दौरे का पूरा कार्यक्रम
रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin के इस उच्च-दांव वाले दौरे की शुरुआत मॉस्को से हुई और यह पूरी दुनिया में लाखों लोगों द्वारा लाइव ट्रैक किया गया। दौरे के 27 घंटे के दौरान दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग की रूपरेखा तैयार की गई।
पहला दिन: 4 दिसंबर 2025
समय (IST) | कार्यक्रम | स्थान | विवरण |
18:35 | दिल्ली आगमन | पालम एयर फोर्स स्टेशन | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से हैंडशेक और गले मिलकर गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट पर रूसी झंडे और फ्लेक्स बोर्ड लगाए गए थे। पुतिन इल्यूशिन Il-96-300PU विशेष विमान से पहुंचे। |
शाम | निजी डिनर और अनौपचारिक चर्चा | 7, लोक कल्याण मार्ग (पीएम आवास) | दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक और गहन चर्चा हुई, जिसमें भगवद्गीता भेंट की गई। चर्चा का जोर भारत-रूस मैत्री और विश्वास पर रहा। |
दूसरा दिन: 5 दिसंबर 2025
समय (IST) | कार्यक्रम | स्थान | विवरण |
11:00 | औपचारिक स्वागत समारोह | राष्ट्रपति भवन | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने स्वागत किया। पुतिन को 21 तोपों की सलामी और त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम ने राष्ट्रपति मुर्मू को फोरकोर्ट पर स्वागत किया। |
11:30 | राजघाट पर श्रद्धांजलि | राजघाट | राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। |
11:50 | 23वां वार्षिक शिखर बैठक | हैदराबाद हाउस | व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और वैश्विक सुरक्षा पर गहन चर्चा। कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। |
13:50 | संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस | हैदराबाद हाउस | शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणामों और घोषणाओं को साझा किया गया। |
15:40 | व्यापारिक कार्यक्रम | भारत मंडपम | दोनों देशों के उद्योगपतियों और व्यापार प्रतिनिधियों के साथ बैठक। अर्थव्यवस्था, कृषि, फार्मा और टेक्सटाइल क्षेत्रों पर सहयोग बढ़ाने पर फोकस। |
19:00 | राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात और भोज | राष्ट्रपति भवन | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ औपचारिक मुलाकात और स्टेट डिनर का आयोजन। |
21:00 | मॉस्को रवानगी | पालम एयरपोर्ट | रूसी राष्ट्रपति पुतिन के 27 घंटे के सफल दौरे का समापन। |
मुख्य चर्चा और समझौतों का विवरण
शिखर सम्मेलन में रणनीतिक और आर्थिक दोनों ही तरह के व्यापक मुद्दों को कवर किया गया, जो दोनों देशों के भविष्य के संबंधों की दिशा तय करते हैं।
रक्षा सहयोग: यह दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष आंद्रेई बेलौसोव के बीच 22वें भारत-रूस सैन्य सहयोग आयोग की बैठक हुई। चर्चा में S-400 मिसाइल सिस्टम की शेष डिलीवरी को गति देना, ब्रह्मोस मिसाइल के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाना, और रक्षा तकनीक साझा करने की साझेदारी पर विशेष जोर दिया गया।
व्यापार और अर्थव्यवस्था: दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को $100 बिलियन तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। ईएईयू (यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन) के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत तेज करने का निर्णय लिया गया। भारत से ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और मशीनरी का निर्यात बढ़ाने पर सहमति बनी, जबकि रूस भारत को सस्ता तेल प्रदान करना जारी रखेगा। शिपिंग और हेल्थकेयर में भी समझौते हुए।
ऊर्जा साझेदारी: रूसी तेल आयात को लेकर अमेरिकी सैंक्शंस के बावजूद, भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए इस साझेदारी को मजबूत किया। परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई, जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में रूस की भूमिका को बढ़ाता है।
वैश्विक मुद्दे: चर्चा में यूक्रेन शांति प्रयासों में भारत की भूमिका, SCO/BRICS जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और AI हथियारों की चुनौती जैसे वैश्विक मुद्दे शामिल थे। पुतिन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को “अराजकता या भलाई की शक्ति” बताया।
यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि इंडो-पैसिफिक की बदलती भू-राजनीति में भी भारत की विश्वसनीयता को बढ़ाता है। बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने रूस को भारत का “प्राकृतिक मित्र” बताया।










