Waqf Amendment Act: संसद से एक दिन पहले ही पारित वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण और उनके मूलभूत अधिकारों का हनन करने वाला करार दिया है। मोहम्मद जावेद, जो लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सचेतक हैं वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य भी रह चुके हैं।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ याचिका दायर
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— News1India (@News1IndiaTweet) April 4, 2025
उनकी याचिका में दावा किया गया है कि यह कानून संविधान (Waqf Amendment Act) के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता), अनुच्छेद 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन का अधिकार), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा) और अनुच्छेद 300ए (संपत्ति का अधिकार) का उल्लंघन करता है। खास बात यह है कि यह विधेयक अभी तक कानून नहीं बना है। वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिल चुकी है और अब यह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए लंबित है।
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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में क्या है?
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है, जिसे अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि वक्फ अधिनियम मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है क्योंकि इसमें ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं जो अन्य धार्मिक बंदोबस्त जैसे हिंदू और सिख ट्रस्टों पर लागू नहीं होते। याचिका में यह भी कहा गया है कि जहां एक ओर हिंदू और सिख धार्मिक ट्रस्टों को एक हद तक स्व-नियमन की सुविधा प्राप्त है वहीं वक्फ अधिनियम 1995 और उसमें किए गए हालिया संशोधन राज्य के हस्तक्षेप को बढ़ावा देते हैं जिससे मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों की स्वायत्तता प्रभावित होती है।