नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। जगदीश धनकड़ के रिजाइन करने के बाद बीजेपी ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में उतरेंगे। यह फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया, जो उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी की पसंद को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह समेत अन्य दूसरे नेता मौजूद रहे। चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन आरएसएस से जुड़े रहे हैं और पीएम मोदी के करीबी भी बताए जाते हैं।
बीजेपी ने उपराष्ट्रपति के कैंडीडेट के तौर पर कद्दावर नेता चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगा दी है। सीपी राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उन्होंने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। अपनी नियुक्ति से पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ वर्ष तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। झारखंड के राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन को भारत के राष्ट्रपति की ओर से तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के लिए नियुक्त किया गया था।
चार दशकों से ज्यादा के अनुभव के साथ राधाकृष्णन तमिलनाडु की राजनीति और सार्वजनिक जीवन में एक सम्मानित नाम हैं। चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर, तमिलनाडु में हुआ था। राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करते हुए, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। 1996 में राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। 1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। 1999 में वे फिर से लोकसभा के लिए चुने गए।
सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के भी सदस्य रहे। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी थे। 2004 में राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। 2004 से 2007 के बीच राधाकृष्णन तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन ने 19,000 किलोमीटर की ’रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली। यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरे से निपटने जैसी उनकी मांगों को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो और पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया। 2016 में राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और वे चार वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
2020 से 2022 तक चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन केरल बीजेपी के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। 18 फरवरी, 2023 को राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने पहले चार महीनों के कार्यकाल में उन्होंने झारखंड के सभी 24 जिलों का दौरा किया और नागरिकों तथा जिला अधिकारियों से बातचीत की। राधाकृष्णन एक खिलाड़ी भी रह चुके हैं और कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस में चैंपियन और लंबी दूरी के धावक भी थे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक था। सीपी राधाकृष्णन ओबीसी समाज से आते हैं और गाउंडर जाति से हैं। गाउंडर में एक उपजाति है जिसका नाम कोंगु वेल्लालर है। राधाकृष्णन इस उपजाति से हैं। ये उपजाति मूलतः खेती किसानी से जुड़ी है।
पश्चिमी तमिलनाडु जिसे कोंगु रीजन भी कहा जाता है वहां इस जाति का दबदबा है। अन्नामलई और एआईएडीएमके नेता ई पलनीस्वामी भी इसी जाति से हैं। एआईएडीएमके के साथ गठबंधन के लिए ईपीएस के दबाव में आकर जब बीजेपी ने, प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अन्नामलई को बदल दिया तब से ये चर्चा थी कि इस उपजाति के वोट बीजेपी से दूर जा सकते हैं। तमिलनाडु में अगले साल चुनाव हैं। ऐसे में बीजेपी को उपराष्ट्रपति बनाने का कदम एक डेमेज कंट्रोल है। राधाकृष्णन को दक्षिण भारत के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली भाजपा नेताओं में से एक माना जाता है। जमीनी स्तर पर संगठन, चुनावी राजनीति और शासन में उनके दशकों के अनुभव ने उन्हें ‘तमिलनाडु के मोदी’ का उपनाम दिलाया है।