EC Gyanesh Kumar: मिलिए ज्ञानेश कुमार से जो बनाए गए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त

Gyanesh Kumar becomes CEC: ज्ञानेश कुमार बनाए गए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद रिटायर आईएएस के नाम पर लगी मुहर।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। पीएमओ PMO में पीएम नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक हुई। जिसमें गृहमंत्री अमित शाह Home Minister Amit Shah और एलओपी  LOP राहुल गांधी Rahul Gandhi मौजूद थे। बैठक के दौरान भारत  के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त Chief Election Commissioner के नाम पर मुहर लग गई। कानपुर आईआईटी  से बीटेक की पढ़ाई करने वाले रिटायर IAS ज्ञानेश कुमार Gyanesh Kumar देश के नए सीईसी CEC चुने गए। मौजूदा सीईसी राजीव कुमार CEC Rajeev Kumar 18 फरवरी को रिटायरमेंट  हो रहे हैं।

ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राकेश कुमार 18 फरवरी को रिटारयमेंट हो रहे हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की  अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक हुई। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। पैनल ने नए सीईसी के तौर पर ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगाई। जल्द ही वह पदभार ग्रहण कर लेंगे।

5 नामों की दी गई थी सूची

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए सीईसी के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी। लेकिन राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बैठक के बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस ने का, हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी ताकि सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके।

1988 बैच के आईएएस हैं ज्ञानेश कुमार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञानेश केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं और तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में सबसे वरिष्ठ हैं। वे सहकारिता सचिव के पद से पिछले साल 31 जनवरी को रिटायर हुए थे। वैसे इस रेस में सुखबीर सिंह संधू का नाम भी शामिल था, लेकिन, सीनियरटी के आधार पर ज्ञानेश कुमार को सीईसी का पद मिलां 61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी हिस्सा रह चुके हैं। इससे पहले उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के रूप में भी काम किया है।

तब निभाया था अहम रोल

61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय का हिस्सा थे। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और पूर्व राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। वे तब गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर संभाग) के पद पर तैनात थे। एक साल बाद गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट के मामले से संबंधित दस्तावेजों को भी संभाला।

कानपुर आईआईटी से किया बीटेक

ज्ञानेश कुमार ने कानपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है। ज्ञानेश कुमार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र की भी पढ़ाई की है। ज्ञानेश कुमार की छवि बेदाग और तेज-तर्राक आईएएस अफसरों में की जाती है।

सिंघवी का आया बयान

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सीईसी चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। सीईसी के चयन के लिए गठित समिति से सीजेआई को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है। सिंघवी ने कहा कि सीईसी और अन्य ईसी की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।

19 फरवरी को होनी है सुनवाई

सीईसी और ईसी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होनी थी, लेकिन केस लिस्ट नहीं हुआ था। तब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच के सामने मामला उठाया। प्रशांत ने कहा था कि सीईसी राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नए सीईसी की नियुक्ति कर सकती है, इसलिए कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इस पर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख देते हुए कहा था कि इस बीच कुछ होता है तो वह अदालत के फैसले के अधीन होगा, इसलिए चिंता की बात नहीं है।

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