Greater Noida Gangajal project: ग्रेटर नोएडा में गंगाजल सप्लाई प्रोजेक्ट के तहत अब 58 में से 54 सेक्टर्स तक गंगा जल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है, साथ ही आसपास के छह गांवों को भी साफ पेयजल मिल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2026 तक शेष चार सेक्टरों को भी जोड़ा जाएगा और पूरा शहर गंगाजल नेटवर्क से कवर हो जाएगा।
किन सेक्टर्स और गांवों तक पहुंचा गंगाजल?
ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) के अनुसार, 58 सेक्टर्स वाली टाउनशिप में फिलहाल 54 सेक्टर्स को गंगाजल से सप्लाई दी जा रही है। इसके साथ ही बिरोंडी, बिरोंडा, ऐचर, नमोली, नाटो की मड़ैया और बल्ला की मड़ैया समेत छह गांवों तक भी यह पानी पहुंच रहा है। बचे हुए चार सेक्टर मुख्यतः ग्रेटर नोएडा वेस्ट इलाके में हैं, जिन्हें मार्च 2026 तक जोड़े जाने की योजना है।
इस प्रोजेक्ट के फुल कैपेसिटी पर पहुंचने के बाद लगभग 210 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन) गंगा जल सप्लाई होगी, जिससे एक लाख से अधिक आबादी को बेहतर पेयजल मिलेगा और भूमिगत जल पर निर्भरता काफी कम होगी।
प्रोजेक्ट की रूपरेखा और आधारभूत ढांचा
करीब 848–850 करोड़ रुपये की लागत से बने इस 85 क्यूसेक (210 MLD) क्षमता वाले प्रोजेक्ट के तहत 176 किमी लंबी पाइपलाइन नेटवर्क से हापुड़ के अपर गंगा नहर से पानी ग्रेटर नोएडा तक लाया जा रहा है। देहरा गांव में हेड रेगुलेटर व इंटेक स्ट्रक्चर, पल्ला गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) और 22 किमी से अधिक लंबी मेन पाइपलाइन पहले से ऑपरेशनल हैं। शहर के अंदर 17 अंडरग्राउंड रिज़रवायर (UGR) बनकर तैयार हो चुके हैं और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बाकी रिज़रवायर पर काम चल रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि अभी गंगा जल और ग्राउंडवाटर को मिक्स कर सप्लाई दी जा रही है, लेकिन धीरे–धीरे गंगाजल का अनुपात बढ़ाकर एक–एक कर सेक्टर्स में 100% गंगा जल सप्लाई का लक्ष्य रखा गया है; फिलहाल अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और एटा‑1 जैसे नौ सेक्टरों को पूरी तरह गंगाजल मिल रहा है।
लोगों को क्या बड़ा फायदा होगा?
गंगाजल आने से सबसे बड़ा लाभ पानी की TDS और हार्डनेस में कमी के रूप में दिख रहा है, जिससे पीने के पानी की क्वालिटी सुधरेगी और RO फिल्टर पर निर्भरता कुछ हद तक कम हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यमुना–हिंडन बेसिन वाले इलाकों में लगातार गिरते भूजल स्तर और प्रदूषण की समस्या के बीच गंगा जल प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा के लिए दीर्घकालिक समाधान साबित हो सकता है।



