Greater Noida Authority Vending Zone: ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के रिहायशी सेक्टरों को अतिक्रमण और अव्यवस्थित रेहड़ी-पटरी से मुक्त कराने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। प्राधिकरण इस महीने लॉटरी के माध्यम से पथ विक्रेताओं को वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित करने जा रहा है। पहले चरण में, बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 सहित नौ सेक्टरों में 529 पथ विक्रेताओं के लिए छोटी दुकानें बनाई गई हैं। 2022 के सर्वे में 619 विक्रेताओं की पहचान की गई थी।
इस पहल से रिहायशी इलाकों को राहत मिलेगी और विक्रेताओं को भी सम्मानजनक एवं सुरक्षित रोजगार का ठिकाना मिलेगा। 96 चयनित विक्रेताओं में से 69 ने शुल्क जमा कर दिया है और उनका घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है, ताकि जल्द ही आवंटन प्रक्रिया पूरी की जा सके। यह कदम ग्रेटर नोएडा को अधिक व्यवस्थित और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।
लॉटरी के जरिए होगा आवंटन, तय हुआ मासिक किराया
Greater Noida के रिहायशी सेक्टरों में अव्यवस्थित रूप से लगने वाली रेहड़ी-पटरी की समस्या को खत्म करने के लिए प्राधिकरण ने यह बड़ा कदम उठाया है। शहर के 4 सेक्टरों—बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36—में बनाए गए वेंडिंग जोन में पथ विक्रेताओं को जल्द ही दुकानों और तय स्थानों का आवंटन किया जाएगा।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में लॉटरी के माध्यम से 96 पथ विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 विक्रेताओं ने निर्धारित शुल्क जमा करा दिया है। शुल्क जमा करने के बाद चयनित विक्रेताओं का घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है। एसीईओ प्राधिकरण ने बताया कि शेष प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा रही है, ताकि इसी माह सभी योग्य आवेदकों को स्थान आवंटित किया जा सके।
किराया और अवधि
रेहड़ी लगाने वाले (फल-सब्जी, फास्ट फूड): डेढ़ से दो मीटर तक जगह, 1500 रुपये मासिक किराया।
स्टेशनरी दुकानें: चार मीटर जगह, 5000 रुपये मासिक किराया।
आवंटन अवधि: यह जगह पथ विक्रेताओं को तीन वर्षों के लिए आवंटित की जाएगी।
इन 9 सेक्टरों में दुकानें तैयार
इस Greater Noida योजना का उद्देश्य न केवल रिहायशी सेक्टरों को अतिक्रमण से मुक्त करना है, बल्कि पथ विक्रेताओं को भी सम्मानजनक और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना है। जिन नौ सेक्टरों में 529 पथ विक्रेताओं के लिए दुकानें बनाई जा चुकी हैं, वे हैं: अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-2, पाई 1, पाई 2, डेल्टा 1, डेल्टा 2 और सेक्टर-36। इसके अलावा, अन्य सेक्टरों में भी वेंडिंग जोन विकसित किए जा रहे हैं।
Greater Noida प्राधिकरण का मानना है कि इस योजना के लागू होने से शहर की सड़कों और रिहायशी इलाकों में ट्रैफिक और गंदगी की समस्या कम होगी, वहीं दूसरी ओर पथ विक्रेताओं को कानूनी पहचान और स्थिर रोजगार भी मिलेगा।








