Jewar airport connectivity: यमुना अथॉरिटी की 83वीं बोर्ड बैठक में जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में एयरपोर्ट से राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड समेत 26 जिलों के लिए 250 बसें चलाने का प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही Jewar airport के आसपास की 25 जर्जर सड़कों को सुधारने के लिए भी हरी झंडी दी गई। बैठक में 8500 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई, जो पिछले साल के 5,629 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है।
इसके अलावा, आवंटियों को रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त समय देने और बकायेदारों को राहत देने के प्रस्ताव भी पास हुए। सेक्टर-17 में मेडिकल कॉलेज और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाने का भी निर्णय लिया गया।
एयरपोर्ट कनेक्टिविटी के लिए 250 बसें और सड़कें होंगी दुरुस्त
यमुना अथॉरिटी ने एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 250 बसें चलाने का फैसला किया है, जिससे 26 जिलों के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इन बसों का संचालन विभिन्न रूटों पर किया जाएगा, जिससे यात्रियों को नोएडा इंटरनेशनल Jewar airport पहुंचने में आसानी होगी। इसके अलावा, अथॉरिटी ने पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के तहत आने वाली 25 सड़कों की मरम्मत का भी निर्णय लिया है। 17 सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं, जिनकी मरम्मत पर 14.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधीन 32.17 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए 26.21 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
बकायेदारों को चार किश्तों में चुकाने की सुविधा
बैठक में 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की राशि न भरने वाले 8673 बकायेदारों को बड़ी राहत दी गई है। इन बकायेदारों पर प्राधिकरण का लगभग सात हजार करोड़ रुपये बकाया है। अब इन्हें 60 दिन के अंदर 25 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी, जबकि शेष 75 प्रतिशत रकम दो वर्षों में चार किश्तों में चुकाने का विकल्प मिलेगा। ब्याज में छूट का लाभ ग्रुप हाउसिंग को छोड़कर अन्य सभी आवंटियों को मिलेगा।
कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और अन्य फैसले
यमुना सिटी के सेक्टर-17ए और 22ई में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग को एक रुपये प्रतिवर्ष की दर पर 90 वर्षों के लिए जमीन लीज पर दी गई है। यहां उन महिलाओं को रहने की सुविधा दी जाएगी जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कंपनियों में काम कर रही हैं। इसके अलावा, सेक्टर-17 में 20 एकड़ में मेडिकल कॉलेज और 8000 वर्ग मीटर में इंडस्ट्री स्थापित करने का भी फैसला लिया गया है।