One Nation One Election Live: विधेयक लोकसभा में पेश, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया पेश, विपक्ष ने किया विरोध

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को लोकसभा में पेश किया, जिसका उद्देश्य भारत में सभी चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। हालांकि, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ और चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताया है।

One Nation One Election

One Nation One Election: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य भारत में सभी चुनावों को एक साथ आयोजित करना है, जिसमें लोकसभा, विधानसभा, पंचायत और निकाय चुनाव शामिल हैं। यह प्रस्ताव नरेंद्र मोदी सरकार का एक महत्वाकांक्षी कदम है, जिसे चुनावी प्रक्रिया को सरल और लागत प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पेश किया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है, और इसे लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

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जेडीयू ने बिल का समर्थन किया

“हमने पहले भी कहा था कि हम इसका पूरा समर्थन करते हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए,” जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर कहा। पंचायत चुनाव स्वतंत्र होने चाहिए। यह वन राज्य वन चुनाव था, जो इस देश में पहली बार हुआ था। हम इसका समर्थन करते हैं क्योंकि 1967 में कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाना शुरू किया था, क्योंकि इसमें विसंगतियां थीं। सरकार चुनाव में हमेशा रहती है। बार-बार चुनाव की लागत बहुत अधिक होती है..।”

AIMIM के ओवैसी ने किया बिल का विरोध

विधेयक का विरोध करते हुए AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान के मूल सिद्धांतों को तोड़ता है। यह विधेयक सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ देगा और क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त कर देगा।

टीडीपी ने किया समर्थन 

टीडीपी से संचार मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासमी ने किया बिल का समर्थन

गौरव गोगोई ने विरोध प्रकट किया

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ‘वन देश वन चुनाव’ का विरोध करना शुरू किया। उनका कहना था कि वोट देने का अधिकार और संविधान पर हमला है।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ने किया विरोध

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के केरल से सांसद मोहम्मद बशीर बिल का विरोध कर रहे हैं.

टीएमसी ने विरोध किया

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने देशव्यापी चुनाव बिल का विरोध किया। उन्हें लगता था कि यह बिल संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

बीजेपी पर जयराम रमेश का हमला

कांग्रेस नेता जयराम ने  कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक केवल पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य एक नया संविधान लाना है।” आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी का असली लक्ष्य संविधान में संशोधन करना नहीं है, बल्कि एक नया संविधान बनाना है।”

सपा और कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए अपनी चिंता व्यक्त की। कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और सपा के सांसद धर्मेंद्र यादव ने विधेयक के खिलाफ भाषण दिया। तिवारी ने इसे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया, जबकि धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “जो आठ राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करा पाए, वो पूरे देश में चुनाव एक साथ कराने की बात कर रहे हैं।”

विधेयक का उद्देश्य और इसकी परिकल्पना

One Nation One Election का उद्देश्य देशभर के सभी चुनावों को एक साथ कराना है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और वित्तीय बचत हो सके। मौजूदा समय में भारत में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, पंचायत और निकाय चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, जिससे भारी खर्च और चुनावी प्रक्रिया में बार-बार बाधाएं आती हैं। सरकार का मानना है कि यदि सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो इससे चुनावी प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो सकती है।

कमेटी की रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय

इस One Nation One Election विधेयक को लागू करने के लिए सरकार ने 2023 में एक समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। इस समिति ने 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से चुनावी प्रक्रिया में व्यापक बदलाव आ सकते हैं। इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, डॉ. सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी जैसे प्रमुख व्यक्तित्व शामिल थे।

विधेयक को लेकर अभी कई सवाल खड़े हैं, और विपक्षी दलों के विरोध के बीच इसकी मंजूरी पर भविष्य में बहस जारी रह सकती है।

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