भोजपुरी सुपरस्टार Pawan Singh की कुशवाहा पार्टी में एंट्री की तैयारी, शाहाबाद का खेल बदलने वाला मोड़!

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह अब सिर्फ फिल्मी हीरो नहीं, बल्कि चुनावी पावर स्टार बन गए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शाहाबाद में उनकी एंट्री राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकती है।

Pawan Singh

Pawan Singh News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शाहाबाद क्षेत्र की राजनीति में बड़ा हलचल मच गई है। भोजपुरी सुपरस्टार और गायक Pawan Singh अब केवल फिल्मी हीरो नहीं, बल्कि चुनावी पावर स्टार बनकर उभर रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी बगावत ने एनडीए को हार का सामना कराया था और कुशवाहा समाज के समीकरणों को पूरी तरह बिगाड़ दिया था। अब बीजेपी और एनडीए Pawan Singh को अपने पाले में लाने की पूरी रणनीति पर काम कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पवन सिंह को कुशवाहा की पार्टी में शामिल करने के लिए दो विधानसभा सीटों और एक राज्यसभा सीट का प्रस्ताव रखा गया है। शाहाबाद का राजनीतिक खेल इस स्टार के साथ पूरी तरह बदल सकता है।

बिहार की राजनीति में चुनाव से पहले समीकरण लगातार बदल रहे हैं। शाहाबाद क्षेत्र, खासकर काराकाट सीट, एनडीए के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह की बगावत ने पूरी राजनीतिक तस्वीर बदल दी थी। उनके कारण उपेंद्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर चले गए और एनडीए की हार निश्चित हो गई। अब बीजेपी और एनडीए यह हार भूलकर अगले विधानसभा चुनाव में पलटवार करने की योजना बना रहे हैं।

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सोमवार रात बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। चर्चा है कि पवन सिंह को कुशवाहा की पार्टी में शामिल करने के लिए दो विधानसभा सीटों और राज्यसभा का वादा किया गया है। मंगलवार को पवन सिंह खुद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात करने पहुंचे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार में पवन सिंह जैसी लोकप्रिय हस्ती को नजरअंदाज करना किसी भी दल के लिए आसान नहीं है। उनकी लोकप्रियता न केवल भोजपुरी भाषी इलाकों में है, बल्कि ग्रामीण और शहरी वोटरों पर भी इसका असर है।

शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों में एनडीए का प्रदर्शन 2020 में बेहद कमजोर रहा था। पवन सिंह की वापसी से राजपूत-कुशवाहा समीकरण मजबूत होगा और महागठबंधन के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है। बक्सर में आनंद मिश्रा को पार्टी में शामिल कराने के बाद अब बीजेपी की नजर काराकाट पर है। अगर पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा साथ आते हैं, तो एनडीए के लिए यह चुनावी रणनीति का गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि Pawan Singh की एंट्री शाहाबाद के पुराने समीकरणों को पूरी तरह पलट सकती है। यादव-मुस्लिम-कुशवाहा समीकरण के खिलाफ राजपूत वोट बैंक पवन सिंह के साथ आने से एनडीए की स्थिति मजबूत होगी। बिहार की राजनीति में स्टार पावर और जातिगत समीकरण का यह संगम अगले विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकता है।

 

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