National Labour Conference: विकसित भारत के निर्माण में श्रम शक्ति की भूमिका अहम- PM Modi

National Labour Conference: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमारे जो सपने हैं, जो आकांक्षाएं हैं, उन्हें साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है. फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस जैसी व्यवस्थाओं को महिला श्रमशक्ति की भागीदारी के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस, वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम यह सब भविष्य की जरूरत है.

गुलामी के दौर के कानूनों को बदल रहा भारत

उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। देश अब ऐसे लेबर कानूनों को बदल रहा है, रीफॉर्म कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है। इसी सोच से, 29 लेबर क़ानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, जैसे अनेक प्रयासों ने श्रमिकों को एक तरह का सुरक्षा कवच दिया है. साथ ही यह भी कहा कि ऐसी योजनाओं की वजह से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के मन में ये भाव जगा है कि देश उनके श्रम का भी उतना ही सम्मान करता है. हम देख रहे हैं कि जैसे जरूरत के समय देश ने अपने श्रमिकों का साथ दिया, वैसे ही इस महामारी से उबरने में श्रमिकों ने भी पूरी शक्ति लगा दी है. आज भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ कर रही अर्थव्यवस्था बना है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे श्रमिकों को ही जाता है.

साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा कि एक वर्ष में ही इस पोर्टल से 400 अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 28 करोड़ श्रमिक जुड़ चुके हैं. देश के हर श्रमिक को सामजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए किस तरह काम हो रहा है. उसका एक उदाहरण ई-श्रम पोर्टल भी है. ये पोर्टल पिछले वर्ष शुरू किया गया था ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आधार से जुड़ा नेशनल डेटाबेस बन सके.

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