‘टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे…’ बीजेपी के उपचुनाव की तारीखें बदलने पर अखिलेश ने बीजेपी को लिया आड़े हाथ

​​सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला गया, और अब अन्य सीटों के उपचुनाव की तारीख़ भी टाली जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी कभी इतनी कमजोर नहीं रही। यदि बीजेपी और चुनाव टालने की कोशिश करेगी, तो इसका नतीजा और भी बुरा होगा और उन्हें और भी हार का सामना करना पड़ेगा।

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UP By Election : ​​उत्तर प्रदेश, केरल और पंजाब में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव अब 20 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए वोटिंग को एक सप्ताह के लिए टालने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी पर कटाक्ष किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे।” उनके इस पोस्ट को सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

​​बता दें कि 13 नवंबर को होने वाली उपचुनाव की वोटिंग को टालने के लिए कांग्रेस, बीजेपी समेत कई दलों ने चुनाव आयोग से अपील की थी। पार्टियों का कहना था कि विभिन्न त्योहारों के कारण 13 नवंबर को वोटिंग का turnout कम हो सकता है। चुनाव आयोग ने इन अपीलों पर विचार करते हुए वोटिंग को 20 नवंबर तक टालने का निर्णय लिया है। हालांकि, चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को ही घोषित किए जाएंगे।

देखें अखिलेश यादव का ट्वीट

​​अखिलेश यादव(UP By Election) ने ‘एक्स’ पर लिखा, “टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे! पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाकी सीटों के उपचुनाव की तारीख़। बीजेपी कभी इतनी कमजोर नहीं थी। असल में, यूपी में ‘महा-बेरोजगारी’ के कारण जो लोग पूरे देश में काम-काजी के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर प्रदेश लौटे हैं और उपचुनाव में बीजेपी को हराने के लिए वोट डालने वाले थे। जैसे ही बीजेपी को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया ताकि लोगों की छुट्टी खत्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं। यह बीजेपी की पुरानी चाल है – हारेंगे तो टालेंगे।”

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​​गौरतलब है कि बीजेपी ने यूपी में होने वाले विधानसभा उप-चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग को लेकर चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था। बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा था कि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के कारण कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और प्रयागराज में लोग तीन से चार दिन पहले ही इकट्ठा होते हैं। इसलिए चुनाव आयोग को कार्तिक पूर्णिमा को ध्यान में रखते हुए तारीखों में बदलाव करना चाहिए। बीजेपी की मांग थी कि 13 नवंबर के बजाय चुनाव 20 नवंबर को कराए जाएं।

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